Mauni Amavasya 2023 Date: कब है मौनी अमावस्या, इस दिन मौन व्रत क्यों रखा जाता है?
Mauni Amavasya 2023 Shubh Muhurat: माघ के महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है.इस अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन मौन व्रत रखने का चलन है. जानिए मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त और इस दिन दान-पुण्य व मौन का महत्व.
Maghi Amavasya 2023: हिंदू पंचांग के हिसाब से माघ के महीने (Magh Month) में पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) के नाम से जाना जाता है. मौनी अमावस्या को बहुत खास माना गया है. इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी को पड़ रही है. अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से ये साल 2023 की पहली अमावस्या है. इस साल माघी अमावस्या (Maghi Amavasya) 21 जनवरी को शनिवार के दिन पड़ रही है. इस दिन मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानिए माघी अमावस्या से जुड़ी जरूरी बातें.
इस दिन क्यों रखा जाता है मौन व्रत
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि ‘मौनी’ शब्द मुनि से बना है. कहा जाता है कि इस दिन साधु संत मौन रहकर मन और वाणी को संयमित करते थे और ईश्वर के ध्यान में खुद को लीन रखकर तमाम विशेष सिद्धियों को प्राप्त किया करते थे. तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है. कहा जाता है कि इस दिन अगर सामान्य लोग भी मन और वाणी को नियंत्रित रखकर मौन व्रत करें तो इससे उन्हें मुनिपद की प्राप्ति होती है और तमाम जाने-अनजाने किए गए पाप कट जाते हैं.
समझें मौन के मायने
ज्योतिषाचार्य का कहना है कि सिर्फ मुंह से न बोलना मौन नहीं होता. मौन वास्तव में आपके मन के शुद्धिकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है. मौन का मतलब आपके अंतर्मन की शांत, स्थिर और निर्मल बनाने से होता है. इस दिन मौन रहकर व्यक्ति को अपने मन में भी किसी तरह के गलत विचारों को नहीं लाना चाहिए. शांत रहकर खुद के अंतर्मन में झांकना चाहिए और मन की अशुद्धियों को दूर करने का प्रयास करना चाहिए और एकाग्र होकर प्रभु के नाम का स्मरण करना चाहिए. ये एक तरह का तप जैसा है. अगर कोई व्यक्ति पूरे दिन मौन नहीं रह सकता तो कम से कम स्नान और दान पुण्य से पहले मौन व्रत जरूर रखे. इससे आपके अंदर की नकारात्मकता दूर होती है और आध्यात्मिकता का विकास होता है.
स्नान और दान-पुण्य का महत्व
मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में देवताओं का वास होता है. अगर आप नदी के तट पर स्नान के लिए नहीं जा सकते तो कम से कम घर में ही जल में गंगाजल मिलाकर, मां गंगे का ध्यान करके स्नान करें. स्नान के बाद सामार्थ्य के अनुसार दान पुण्य करें. इस दिन किए गए दान-पुण्य का कई गुना फल ज्यादा मिलता है.
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
21 जनवरी 2023 को सुबह 06:17 बजे से मौनी अमावस्या की शुरुआत होगी और इसका समापन 22 जनवरी 2023 को सुबह 02:22 मिनट पर किया जाएगा. स्नान, दान और व्रत वगैरह 21 जनवरी को रखा जाएगा.
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