Mauni Amavasya 2023 Date: इस साल की मौनी अमावस्‍या 21 जनवरी को है. ये अमावस्‍या बेहद खास मानी जा रही है. 20 साल बाद मौनी अमावस्‍या शनिवार के दिन पड़ रही है. शनिवार के दिन जब कोई अमावस्‍या पड़ती है तो उसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है और बेहद शुभ माना जाता है. इससे पहले साल 2003 में मौनी अमावस्‍या और शनिवार का संयोग बना था. इतना ही नहीं इस बार की अमावस्‍या पर 5 योग बन रहे हैं, जिसमें से चार राजयोग हैं. इस कारण ये अमावस्‍या और ज्‍यादा विशेष हो गई है. आइए ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं मौनी अमावस्‍या के विशेष योग और इस दिन क्‍या काम जरूर करने चाहिए.

ये हैं शुभ योग

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ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र बताते हैं कि इस बार मौनी अमावस्‍या के दिन सत्कीर्ति, हर्ष, भारती, वरिष्ठ और खप्पर योग बन रहे हैं. इस तरह अमावस्‍या के दिन पांच योग का बनना बहुत ही शुभ है. इनमें से  सत्कीर्ति, हर्ष, भारती और वरिष्ठ, ये चार राजयोग हैं. वहीं शनिश्चरी अमावस्या पर खप्पर योग का होना इसे और भी विशेष बना देता है. ये योग धार्मिक कार्यों को संपन्न करने और कुंडली में शनि के शुभ प्रभाव के लिए किए जाने वाले उपायों के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जाता है. अगर आपकी कुंडली में शनि से जुड़ा कोई दोष है, शनि साढ़ेसाती, ढैय्या या महादशा वगैरह से पीड़‍ित हैं, तो शनि अमावस्‍या के दिन खप्‍पर योग में शनि से जुड़े उपाय करें. इससे शनिदेव से जुड़े तमाम कष्‍ट दूर हो जाएंगे.

ये पांच काम जरूर करें

  • अमावस्‍या तिथि पितरों को समर्पित मानी जाती है, इसलिए इस दिन पितरों के निमित्‍त श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, पूजा और दान आदि जरूर करें. इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और परिवार के तमाम कष्‍ट दूर होंगे.
  • मौनी अमावस्‍या के दिन गंगा स्‍नान का विशेष महत्‍व है. अगर आप गंगा स्‍नान के लिए नहीं जा सकते तो कम से कम घर में सुबह जल्‍दी उठकर जल में गंगाजल डालकर मां गंगा को याद करके स्‍नान करें. स्‍नान से पहले हर हर गंगे बोलें. इससे आपको गंगा स्‍नान का पुण्‍य मिलेगा.
  • कई दशक बाद मौनी अमावस्या और शनिवार का संयोग बना है. ऐसे में शनि देव की विशेष पूजा करें. सरसों के तेल का दीपक पीपल के नीचे रखें. दशरथकृत शनि स्‍तोत्र और शनि चालीसा का पाठ करें. काले तिल, काली दाल, काले वस्‍त्र आदि का दान करें. इससे शनिदेव की कृपा प्राप्‍त होगी और शनि संबन्‍धी कष्‍ट दूर होंगे.
  • मौनी अमावस्‍या पर मौन रहने का विशेष महत्‍व है. अगर आप पूरे दिन मौन नहीं रह सकते हैं, तो कम से कम स्‍नान और दान के समय तक मौन रखें. मौन के दौरान मन में श्रीहरि का ध्‍यान करें. 
  • अमावस्‍या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें. जल में चीनी या मिश्री और थोड़ा दूध डालकर पीपल को अर्पित करें. अगर संभव हो तो पीपल का एक पौधा लगाएं. इस पौधे की देखभाल करें. जैसे-जैसे ये पौधा बढ़ेगा, शनि और पितरों से जुड़े आपके कष्‍ट भी दूर हो जाएंगे. 

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