MP Elections 2023: विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक हफ्ते बाद विष्णु देव साय को छत्तीसगढ़ का नया सीएम नियुक्त किया गया. इसके बाद अब सभी की नजरें राजस्थान और मध्य प्रदेश पर है. छत्तीसगढ़ के सीएम पर सस्पेंस खत्म होने के बाद अब मध्य प्रदेश के सीएम के नाम से भी पर्दा उठने जा रहा है. मध्य प्रदेश में बीजेपी के विधायक दल की बैठक सोमवार को होगी. इसी बैठक में सीएम के नाम का खुलासा होगा. गौरतलब है कि सीएम के पद की रेस में शिवराज सिंह चौहान, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल और नरेंद्र तोमर जैसे नाम सामने आ रहे हैं.

MP Elections 2023: दोपहर 3.50 बजे होगी विधायक दल की बैठक, पर्यवेक्षक रहेंगे मौजूद

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बीजेपी के मुताबिक दोपहर 3.50 बजे विधायक दल की बैठक भाजपा के भोपाल ऑफिस में होगी. इसमें एमपी के पर्यवेक्षक सीएम मनोहर लाल खट्टर, डॉ. के.लक्ष्मण और आशा लाकड़ा मौजूद रहेंगे. साथ ही भाजपा के मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को भी निमंत्रण दिया गया है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आशीष अग्रवाल ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को बताया था कि बैठक पहले रविवार को होने वाली थी, लेकिन पर्यवेक्षकों के व्यस्त कार्यक्रम के कारण इसे सोमवार तक के लिए टाल दिया गया.

MP Elections 2023: शिवराज सिंह चौहान रहे हैं सबसे लंबे वक्त तक सीएम

15 महीने के अंतराल को छोड़कर भारत में भाजपा के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज चौहान की जगह भाजपा किसी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) नेता पर ध्यान केंद्रित कर सकती है. शिवराज चौहान मध्य प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री भी हैं. ऐसी स्थिति में लोधी समुदाय से आने वाले प्रह्लाद पटेल मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हो सकते हैं. लोधी ओबीसी समुदाय का हिस्सा हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, कैलाश विजयवर्गीय भी अन्य संभावित उम्मीदवारों में से हैं.

MP Elections 2023: अबीसी समुदाय से रहे हैं भाजपा के सीएम

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अन्य संभावित उम्मीदवारों में से हैं. नरेंद्र तोमर का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है, जो दिमनी से चुने गए हैं और केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं.  मध्य प्रदेश में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से अधिक है. भाजपा नेतृत्व 2003 के बाद से राज्य में शीर्ष पद के लिए ओबीसी नेताओं के साथ गया है. इससे पहले उसने उमा भारती को आगे बढ़ाया था जो कि एक लोधी हैं। एक साल बाद, पार्टी ने एक और ओबीसी, बाबूलाल गौर और फिर 2004 में शिवराज सिंह चौहान पर अपना दांव लगाया था.