मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म हो चुका है और अब चुनावी परिणाम का सभी को बेसब्री से इंतजार है. हालांकि, भाजपा-कांग्रेस अपनी-अपनी जीत का दावे कर रही हैं. इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश के 10 लीडिंग कैंडिडेट्स का प्रदर्शन कैसा रहा. इसमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेता शामिल हैं.

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1. कमलनाथ (कांग्रेस) सीट- छिंदवाड़ा 

छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सामने बीजेपी के बंटी साहू है. कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा में बीजेपी जबरदस्त फाइट में है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सात में से सातों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी. इस बार पूरे प्रदेश की नजर छिंदवाड़ा विधानसभा सीट पर है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दूसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 

2. शिवराज सिंह चौहान (बीजेपी) सीट- बुधनी

सीहोर जिले के बुधनी निर्वाचन में मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है, क्योंकि यहां से बीजेपी के प्रत्याशी सीएम शिवराज सिंह चौहान है. वह चौथी बार बुधनी से चुनावी मैदान में हैं. 2023 एमपी चुनाव में कांग्रेस के विक्रम मस्तान कर रहे हैं,जो टीवी सीरियल रामायण में हनुमान का किरदार में थे. पिछले 2018 चुनाव में शिवराज के सामने अरुण यादव थे. शिवराज ने उन्‍हें 58,999 मतों से हराया था.

3. नरेंद्र सिंह तोमर (बीजेपी) सीट- दिमनी 

नरेंद्र सिंह तोमर पर पार्टी ने बड़ा भरोसा जताते हुए विधानसभा चुनाव में उतारा है, क्योंकि 2018 के बाद इस सीट पर दो चुनाव हुए हैं, दोनों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं, कांग्रेस ने अपने विधायक रविंद्र सिंह तोमर को ही टिकट दिया है. इस सीट पर नरेंद्र सिंह का मुकाबला टफ माना जा रहा है. 

4. प्रहलाद सिंह पटेल (बीजेपी) सीट- नरसिंहपुर

जिले का सबसे चर्चित सीट नरसिंहपुर ही है. कांग्रेस की भी इस सीट पर अच्छी पकड़ है. नरसिंहपुर की जनता ने कई बार कांग्रेस को यहां से मौका दिया है. प्रहलाद सिंह पटेल के मैदान में उतरने से कांग्रेस के लिए मुश्किलें पैदा कर सकती हैं. वहीं, प्रहलाद सिंह पटेल अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं.

5. कैलाश विजयवर्गीय (बीजेपी) सीट- इंदौर 1

इंदौर-1 विधानसभा में बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय और कांग्रेस के संजय शुक्ला के बीच कड़ी टक्कर है. इंदौर जिले में विधानसभा की नौ सीटें हैं. इनमें से छह सीट पर बीजेपी का कब्जा है.

6. फग्‍गन सिंह कुलस्ते (बीजेपी) सीट- निवास 

पिछले दो चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा 2003 के चुनाव के बाद से लगातार इस सीट पर चुनाव जीतती आ रही थी. यहां फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते के भाई रामप्यारे कुलस्‍ते तीन बार विधायक रहे. लेकिन 2018 में उन्‍हे कांग्रेस प्रत्‍याशी अशोक मर्सकोले ने 28 हजार से अधिक वोटों से हराया था. ऐसे में पार्टी ने इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करने के लिए फग्‍गन सिंह कुलस्‍ते को चुनावी मैदान में उतारा.

7. जीतू पटवारी (कांग्रेस) सीट- राऊ

2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के जीतू पटवारी ने इस सीट को छीन लिया. इसके बाद से जीतू पटवारी दो बार चुनाव जीते हैं. 2023 में भी जीतू पटवारी को कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. वहीं, बीजेपी ने मधु वर्मा को उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी को उम्मीद है कि इस बार जीतू पटवारी से यह सीट छीन लेंगे. 

8. जयवर्धन सिंह (कांग्रेस) सीट- राघौगढ़

जयवर्धन ने सबसे पहले राघौगढ़ से ही 2013 में चुनाव लड़ा था और 59,000 वोटों से जीते थे. उस साल वह सबसे ज्यादा वोट मार्जिन से जीतने वाले कांग्रेस विधायक थे. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह रघुवंशी ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी. 2023 में बीजेपी ने हीरेंद्र सिंह बंटी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, कांग्रेस की तरफ से जयवर्धन सिंह ही मैदान में हैं.

9. नरोत्तम मिश्रा (बीजेपी) सीट- दतिया

दतिया विधानसभा सीट पर 20 साल से बीजेपी का कब्जा है. दतिया सीट के इतिहास की बात करें तो पिछले 3 चुनावों से मुख्य मुकाबला नरोत्तम मिश्रा और राजेंद्र भारती के बीच ही रहा है. लेकिन हर चुनाव में नरोत्तम मिश्रा ने राजेंद्र भारती को पटखनी दी है. 

10. अजय सिंह राहुल (कांग्रेस) सीट- चुरहट

पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने 1998 में इस सीट से दावेदारी ठोकी और विजयी रहे. इसके बाद वह लगातार इस सीट से चुने जाते रहे. 1998 के बाद 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में अजय सिंह विजयी रहे. हालांकि 2018 में बड़ा उलटफेर हो गया बीजेपी के शरदेंदु तिवारी ने अजय सिंह को कड़े मुकाबले में हरा दिया. इस बार वे फिर मैदान में रहे.