Chandra Grahan in India: ग्रहण के दौरान खाने की चीजों में क्यों डालते हैं तुलसी का पत्ता? जानिए वजह
Chandra Grahan 2023 on 28 October, date, time in India: शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. शनिवार शाम से सूतक काल शुरू हो जाएगा. सूतक शुरू होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डाला जाता है, लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है, यहां जानिए इसके बारे में.
Chandra Grahan 2023 on 28 October Sutak Kaal and Rules: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2023 in India) 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि में लगने जा रहा है. ये ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. ऐसे में सूतक काल और इसके नियम भी यहां लागू होंगे. सूतक काल से लेकर ग्रहण तक के समय को को दूषित काल माना जाता है क्योंकि इस दौरान वातावरण में कई नकारात्मक तत्व मौजूद रहते हैं. यही वजह है कि सूतक काल लगने से पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर खाने-पीने की चीजों में डाल दिया जाता है. लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि इन चीजों को सुरक्षित रखने के लिए तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल ही क्यों किया जाता है. यहां जानिए वजह.
इन वजहों से खाने की चीजों में डालते हैं तुलसी का पत्ता
तुलसी के पत्ते को लेकर धार्मिक मान्यता है कि जिन चीजों में तुलसी का पत्ता पड़ जाता है, उन चीजों में किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता. तुलसी को दोषों का नाश करने वाला माना गया है, इसलिए जिस चीज में तुलसी का एक भी पत्ता मौजूद हो, वो चीज अशुद्ध नहीं हो सकती.
वहीं अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें तो तुलसी के पत्ते में पारा और ऐसे आर्सेनिक गुण मौजूद होते हैं, जो वातावरण में मौजूद नकारात्मक किरणों के प्रभाव से चीजों को दूषित नहीं होने देते. आयुर्वेद में तुलसी को एंटी-बैक्टीरियल माना गया है. ऐसे में तुलसी के पत्ते खानपान की चीजों को वातावरण में मौजूद बैक्टीरिया आदि के प्रभाव से बचाते हैं.
सूतक के ये नियम याद रखें
- सूतक काल में पूजा-पाठ करने की मनाही होती है, हालांकि मानसिक जाप कर सकते हैं.
- इस समय में प्रेगनेंट महिलाओं को कैंची, चाकू, मशीन, सुई वगैरह किसी भी तरह की नुकीली चीजों के इस्तेमाल पर पाबंदी होती है.
- प्रेगनेंट महिलाओं को सूतक लगने के बाद से लेकर ग्रहण काल तक बाहर निकलने की मनाही होती है. ऐसा इसलिए ताकि बच्चे पर हानिकारक किरणों का दुष्प्रभाव न पड़े.
- सूतक काल शुरू होने से ग्रहण काल खत्म होने तक खाना बनाने और खाने के लिए मना किया जाता है. हालांकि बुजुर्ग और प्रेगनेंट महिलाओं पर खाने पीने को लेकर कोई मनाही नहीं होती.
- खानपान की तमाम चीजों में तुलसी के पत्ते डालने की सलाह दी जाती है. तुलसी का पत्ता सूतक शुरू होने से पहले ही डाल देना चाहिए और सामान को ढक कर रख देना चाहिए.
चंद्र ग्रहण का समय और सूतक काल
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक चंद्रग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि में लगने जा रहा है. ये ग्रहण 28 अक्टूबर को रात को 01:05 बजे से लगेगा और रात 02:24 पर समाप्त होगा. ये ग्रहण मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में लगने जा रहा है. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा, इसलिए यहां सूतक के नियम भी लागू होंगे. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाते हैं. इस हिसाब से सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम 04:05 बजे शुरू हो जाएगा. इसी के साथ सूतक के नियम भी लागू हो जाएंगे और मंदिर वगैरह के कपाट बंद कर दिए जाएंगे.