ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या तब पैदा होती है जब हडि्डयों के ह्रास की गति हडि्डयों के विकास की गति से ज्‍यादा होती है. इसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और कमर, हिप्‍स और जॉइंट्स में फ्रैक्‍चर होने की आशंका काफी बढ़ जाती है. इसे खोखली हड्डियों की बीमारी भी कहते हैं. ज्‍यादातर 35 की उम्र के बाद बोन मास (घनत्व) कम होने लगता है. उम्र बढ़ने के साथ आपका बोन मास जितना कम होता जाता है, हड्डियां भुरभुरी होने लगती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्‍क भी उतना ही बढ़ जाता है. पुरुषों के मुकाबले ये समस्‍या महिलाओं में ज्‍यादा देखने को मिलती है.

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परेशानी की बात ये है कि ऑस्टियोपोरोसिस का कोई इलाज नहीं है. अगर एक बार हड्डी का फ्रैक्‍चर हो जाने के बाद, इसे ठीक कर पाना संभव नहीं है. इस समस्‍या के प्रति लोगों को जागरुक करने के इरादे से हर साल 20 अक्‍टूबर को वर्ल्‍ड ऑस्टियोपोरोसिस डे (World Osteoporosis Day) मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी बातें.

ये है बीमारी की वजह

इस मामले में आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा बताते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस की समस्‍या ज्‍यादातर कैल्शियम, विटामिन डी, प्रोटीन और फास्‍फोरस और अन्‍य मिनरल्‍स की कमी से होती है. इनके कारण ही बोन मास कम होने लगता है. इसके अलावा खराब लाइफस्‍टाइल, गलत खानपान इस बीमारी की वजह है. अगर हम अपने खानपान की आदतों और लाइफस्‍टाइल को नियंत्रित कर लें, तो इस बीमारी के रिस्‍क को काफी हद तक कम कर सकते हैं.

हड्डियों की दुश्‍मन हैं ये चीजें

नमक: ज्‍यादा नमक खाने से शरीर की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. नमक में सोडियम की मात्रा अधिक होती है, सोडियम कैल्शियम को शरीर से बाहर निकाल देता है. इसके कारण शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है. एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों को नमकीन खाद्य पदार्थ ज्यादा खाने की आदत थी, उनमें ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा ज्‍यादा पाया गया.

चीनी: चीनी का अधिक सेवन भी हड्डियों की हेल्‍थ के लिए नुकसानदायक माना जाता है. ज्‍यादा चीनी खाने से शरीर को खानपान की अन्‍य चीजों से जरूरी पोषक तत्‍व ठीक से नहीं मिल पाते. इससे हड्डियां भी कमजोर होती हैं, और स्किन का निखार भी गायब हो जाता है और बुढ़ापा समय से पहले आने लगता है.

कैफीन: कैफीन को भी हड्डियों की सेहत के लिए अच्‍छा नहीं माना जाता. कैफीन हड्डियों से कैल्शियम का रिसाव करता है, जिसके कारण हड्डियां कमजोर होती हैं. इसलिए चाय-कॉफी, चॉकलेट या ऐसी किसी भी चीज जिसमें कैफीन पाया जाता है, उससे पूरी तरह से परहेज करना चाहिए.

शराब: शराब को भी हड्डियों का दुश्‍मन माना जाता है. शराब पीने से बोन डेंसिटी स्‍कोर प्रभावित होता है, जो आगे चलकर ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्‍क पैदा कर सकता है. इसके अलावा शराब आपका मोटापा बढ़ाती है, मोटापे को भी आर्थराइटिस और ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों की बड़ी वजहों में से एक माना गया है.

सोडा-कोल्‍डड्रिंक: तमाम रिसर्च बताती हैं कि सोडा वाली चीजें पीने से हड्डियां कमजोर होती हैं. इससे हिप फ्रैक्चर के जोखिम बढ़ता है. वहीं कोल्‍डड्रिंक हड्डियों को खोखला बनाने का काम करती है. इन्‍हें अधिक लेने से आपकी स्किन का भी ग्‍लो गायब हो जाता है और व्‍यक्ति उम्र से ज्‍यादा बड़ा दिखता है.

 

खानपान और लाइफस्‍टाइल में करें ये बदलाव

डॉ. रमाकांन्‍त शर्मा के मुताबिक बेहतर खानपान का खयाल उम्र के हर पड़ाव पर रखना जरूरी होता है, लेकिन 30 के बाद इस मामले में कहीं ज्‍यादा सावधानी बरतनी चाहिए. अगर आप ऑस्टियोपोरोसिस के रिस्‍क से खुद को बचाना चाहते हैं तो इन बातों का खयाल रखें-

  • अपने खानपान में भारी यानी गरिष्‍ठ चीजों को बहुत कम कर दें. रोजाना में सादा भोजन खाएं. भोजन में हरी सब्जियों, छाछ, दही, सलाद आदि को शामिल करें.
  • प्रोटीन के लिए सोयाबीन, स्प्राउट्स, दालें, मक्का और बीन्स आदि को खाने में शामिल करें. कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए दूध, कच्‍चा पनीर, दही, मखाने आदि चीजों को लें.
  • केले में काफी कैल्शियम होता है, रोजाना कम से कम दो केले जरूर खाएं. इसके अलावा अन्‍य फलों को भी अपनी डाइट में शामिल करें.
  • नट्स को पोषक तत्वों का भंडार कहा जाता है. कैल्शियम के अलावा, हड्डियों की बेहतर सेहत के लिए ये काफी अच्‍छा है. 
  • इसके अलावा नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करें. इसके लिए आप किसी एक्‍सपर्ट की सलाह ले सकते हैं. फिजिकल वर्कआउट न करना भी हड्डियों से जुड़ी समस्‍याओं को बढ़ाता है.