आंखों की खतरनाक बीमारी ट्रेकोमा को देश से खत्‍म करने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत की पीठ थपथपाई है. मंगलवार को WHO ने इसके लिए भारत को बधाई दी और सम्‍मानित भी किया. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि नेपाल, म्यांमार और पाकिस्तान के बाद भारत दक्षिण-पूर्व एशिया का चौथा देश है जिसने यह उपलब्धि हासिल की है.

क्‍या है ट्रेकोमा

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दरअसल ट्रेकोमा आंखों का एक रोग है जो 'क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस' नामक बैक्टीरिया से संक्रमण की वजह से होता है. यह रोग दुनिया भर में अंधेपन के मुख्‍य कारणों में से एक है. संक्रमित व्यक्ति की आंखों और नाक से स्राव होने और उसके संपर्क में आने से यह बीमारी होती है. इस बैक्टीरिया से संक्रमित लोगों की आंखों और नाक के संपर्क में आने वाली मक्खियां भी इसे फैलाती हैं. इसके अलावा भी गंदगी आदि तमाम कारणों से ये संक्रमण फैल सकता है.

ट्रेकोमा के मामले अब भी 44 देशों में देखने को मिलते हैं और विश्वभर में 19 लाख लोग इसके कारण दृष्टिहीनता से पीड़ित हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक अफ्रीका, मध्य और दक्षिण अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व के अधिकांश गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेकोमा अत्यधिक फैला हुआ है. यह बीमारी लगभग 1.9 मिलियन लोगों के अंधेपन या दृश्य हानि के लिए जिम्मेदार है और दुनिया भर में अंधेपन के लगभग 1.4% का कारण बनती है. 1996 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2020 तक ट्रेकोमा के वैश्विक उन्मूलन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन गठबंधन की शुरुआत की थी.

आपको दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को भारत को दक्षिण-पूर्व एशिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में ट्रेकोमा के उन्मूलन के लिए प्रमाण पत्र सौंपा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि भारत की सफलता का श्रेय सरकार के मजबूत नेतृत्व और नेत्र रोग विशेषज्ञों तथा स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के अन्य संवर्गों की प्रतिबद्धता को जाता है. उन्होंने सक्रिय ट्रेकोमा की प्रभावी निगरानी, ​​निदान और प्रबंधन, ट्राइकियासिस के लिए शल्य चिकित्सा सेवाओं का प्रावधान तथा समुदायों के बीच जल, स्वच्छता और सफाई, विशेष रूप से चेहरे की सफाई को बढ़ावा देने के लिए भागीदारों के साथ मिलकर काम किया.