हाइपरटेंशन (Hypertension) को सामान्‍य भाषा में हम हाई बीपी कहते हैं. पिछले कुछ सालों में ये समस्‍या बहुत तेजी से लोगों में बढ़ी है. वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (World Health Organisation- WHO) के मुताबिक दुनियाभर में असमय होने वाली मौत की एक बहुत बड़ी वजह हाई बीपी भी है. स्‍ट्रेस, गलत खानपान, मोटापा और फैमिली हिस्‍ट्री को इसकी प्रमुख वजहों में से एक माना जाता है.

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वहीं खानपान के दौरान ज्‍यादा नमक को हाई बीपी के मरीजों का दुश्‍मन माना जाता है, यही वजह है कि ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट्स हाई बीपी के मरीजों को हल्‍का नमक खाने की सलाह देते हैं. हालांकि लोग इस सलाह को बहुत गंभीरता से नहीं लेते. लेकिन अगर आपको इसका कारण पता हो तो आप ये समझ पाएंगे कि हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए ज्‍यादा नमक क्‍यों नुकसानदायक होता है और सेहतमंद रहने के लिए हर व्‍यक्ति को दिनभर में कितना नमक खाना चाहिए? यहां जानिए इसके बारे में 

जानिए क्‍यों हाई बीपी वालों को नहीं खाना चाहिए तेज नमक

इस मामले में डॉ. रमाकान्‍त शर्मा कहते हैं कि नमक शरीर के लिए जरूरी है क्‍योंकि इसके जरिए शरीर को आयोडीन और सोडियम मिलता है. आयोडीन थायरॉयड ग्लैंड को रेगुलेट करने और बॉडी में फ्ल्यूड्स की मात्रा संतुलित करता है. वहीं मसल्स-नर्व और ब्लड प्रेशर को मेंटेन करने के लिए सोडियम जरूरी है. लेकिन सोडियम की मात्रा अगर शरीर में जरूरत से ज्‍यादा हो जाए तो वो शरीर के लिए हानिकारक हो जाती है. ज्‍यादा नमक खाने से ज्‍यादा सोडियम भी शरीर में पहुंचता है और ज्‍यादा सोडियम के चलते शरीर में पानी जमा हो जाता है, जिसे वाटर रिटेंशन भी कहते हैं. वाटर रिटेंशन के कारण शरीर में सूजन आती है और हाई ब्‍लड प्रेशर का रिस्‍क बढ़ जाता है जो आगे चलकर स्ट्रोक और अन्य गंभीर हार्ट डिसीज का कारण बन सकता है. 

बाहरी फूड की वजह से शरीर में पहुंच रहा ज्‍यादा नमक

आपको जानकर हैरानी होगी कि ज्‍यादातर लोगों के शरीर में आवश्‍यकता से ज्‍यादा नमक घर के खाने की वजह से नहीं, बल्कि बाहरी फूड के एडिक्‍शन के कारण बढ़ता है. बाहर के पैक्ड फूड, फ्रोजन और रेडी टू ईट फूड्स में बहुत नमक होता है. पिछले कुछ सालों से लोगों में खासतौर पर युवाओं में बाहरी फूड खाने की आदत तेजी से बढ़ी है. इस कारण हाई बीपी के मरीज भी तेजी से बढ़ रहे हैं.

दिनभर में कितना नमक शरीर के लिए जरूरी

डब्ल्यूएचओ की मानें तो एक सामान्‍य वयस्‍क व्‍यक्ति को दिनभर में पांच ग्राम नमक से ज्‍यादा नहीं खाना चाहिए. इससे ज्‍यादा नमक अगर कोई शख्‍स खाता है तो नमक उसके शरीर को नुकसान पहुंचाएगा. इतना ही नहीं अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक जो लोग पहले से हाई बीपी की समस्‍या से जूझ रहे हैं, उन्‍हें दिनभर में 1.5 ग्राम से अधिक नमक नहीं खाना चाहिए. 

हाई बीपी से बचाव के तरीके

  • नमक संतुलित मात्रा में खाएं. खाने में, फलों आदि में ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत को छोड़ें.
  • गरिष्‍ठ और चिकनाईयुक्‍त भोजन, जंकफूड, फास्‍टफूड, प्रोसेस्‍ड मीट, पैकेट बंद चीजें आदि को खाने से परहेज करें. 
  • नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे.
  • योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई  बीपी की वजह माना जाता है. 
  • फल, हरी सब्जियां, सलाद, जूस आदि हेल्‍दी चीजों को डाइट में शामिल करें. 
  • अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. 
  • अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं.