Cholesterol: जिस कोलेस्ट्रॉल को हार्ट के लिए इतना खतरनाक माना जाता है, आखिर वो होती क्या चीज है?
ज्यादातर मामलों में हार्ट अटैक की वजह खराब लाइफस्टाइल को माना जाता है. गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण लोगों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो हाई बीपी और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की बड़ी वजह माना जाता है.
दुनिया भर में हर साल तमाम लोग दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण असमय मौत के मुंह में चले जाते हैं. कई बार तो हार्ट अटैक के लक्षण अचानक से सामने आते हैं या लक्षणों का पता ही नहीं चल पाता. आज के समय में ये समस्या यूथ के बीच भी तेजी से बढ़ रही है. हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो ज्यादातर मामलों में हार्ट अटैक की वजह खराब लाइफस्टाइल को माना जाता है. गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण लोगों के शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, जो हाई बीपी और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की बड़ी वजह माना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये कोलेस्ट्रॉल होता क्या है? यहां आसान शब्दों में समझिए इसके बारे में.
क्या होता है कोलेस्ट्रॉल
इस मामले में डॉ. रमाकांत शर्मा कहते हैं कि कोलेस्ट्रॉल एक तरीके का फैट होता है जिसका निर्माण लिवर द्वारा किया जाता है. अधिक गरिष्ठ, चिकनाईयुक्त फूड, जंकफूड आदि जितना ज्यादा खाया जाता है, उतना ज्यादा ये बनता है. जब ये शरीर में जरूरत से ज्यादा हो जाता है तो नसों में जम जाता है. इसके कारण शरीर में रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाता है. इसके कारण हार्ट को पंप करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. ऐसे में ये हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी तमाम परेशानियों की वजह बन सकता है.
दो तरह का होता है कोलेस्ट्रॉल
कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है. एचडीएल (HDL cholesterol) और एलडीएल (LDL cholesterol). एचडीएल को सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है क्योंकि ये हार्ट के लिए अच्छा होता है. इसे गुड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है. ये खून से एक्स्ट्रा फैट को हटाने का काम करता है. लेकिन एलडीएल को हार्ट के लिए खराब माना जाता है. इसके बढ़ने से हार्ट ठीक से काम नहीं कर पाता. इस कारण तमाम तरह की परेशानियां होती हैं. एलडीएल को खराब कोलेस्ट्रॉल के नाम से भी जाना जाता है.
क्यों बढ़ जाता है खराब कोलेस्ट्रॉल
खराब कोलेस्ट्रॉल के तेजी से बढ़ने के दो कारण हैं. पहला गलत खानपान और दूसरा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करना. हम जो कुछ भी खाते हैं, उसे पचाना भी जरूरी होता है. लेकिन आज के समय में लोग बाहर का जंकफूड वगैरह तो जमकर खाते हैं, लेकिन न एक्सरसाइज करते हैं, न वॉक करते हैं और न ही कोई और ऐसा कोई काम करते हैं, जिससे खाने को पचाया जा सके.
क्या लक्षण आते हैं सामने
एलडीएल के शरीर में बढ़ने से छाती में दर्द, भारीपन, सांस फूलना, हाई बीपी, पैरों में सूजन, शरीर में भारीपन आदि तमाम लक्षण सामने आते हैं. इन्हें कंट्रोल करना बहुत जरूरी है, ताकि हार्ट की समस्याओं को रोका जा सके.
क्या सावधानी बरतें
- डॉ. रमाकांत कहते हैं कि सबसे पहले हेल्दी फूड खाने की आदत डालें. बाहरी फूड को गुडबाय बोलें.
- खाने में हरी सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूट्स, सलाद, छाछ आदि को शामिल करें.
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें. रात को देर से खाने की आदत बदलें और डिनर हल्का करें.
- डिनर के आधे घंटे बाद कुछ देर जरूर टहलें.
- अधिक चीनी और नमक खाने से बचें.