कॉमेडियन राजू श्रीवास्‍तव को आज सुबह होश आ गया है. वे बीते 15 दिनों से दिल्‍ली के AIIMS में भर्ती हैं. राजू श्रीवास्तव 10 अगस्त को होटल के जिम में वर्कआउट कर रहे थे. ट्रेडमिल पर एक्सरसाइज करते हुए उन्हें चेस्ट में दर्द हुआ था और वे नीचे गिर गए थे. इसके बाद से वे गंभीर स्थिति से जूझ रहे थे. उनकी मेडिकल कंडीशन में सुधार लाने के लिए डॉक्‍टरों की टीम लगातार मेहनत कर रही थी. बीते दिनों राजू श्रीवास्‍तव की तबियत को लेकर कई तरह की बातें सामने आई. इस बीच कई जगह पर उनके ब्रेन डेड की स्थिति में भी आने की खबर आयी थी. इससे 'ब्रेन डेड' शब्‍द चर्चा में आ गया. न्‍यूरोलॉजिस्‍ट डॉ. राजेश कुमार से बातचीत के आधार पर आपको सरल शब्‍दों में समझाते हैं, क्‍या होता है ब्रेन डेड और क्‍या ब्रेन डेड के बाद मरीज की रिकवरी संभव है ?

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समझिए क्‍या होती है ब्रेन डेड की स्थिति

न्‍यूरोलॉजिस्‍ट डॉ. राजेश कुमार के अनुसार ब्रेड डेड की स्थिति को 'ब्रेन स्‍टेम डेथ' या 'ब्रेन डेथ' भी कहा जाता है. ब्रेन स्‍टेम दिमाग का निचला हिस्‍सा होता है जो रीढ़ की हड्डी से जुड़ा होता है. ब्रेन स्‍टेम डेथ की स्थिति में मरीज के शरीर और उसकी आंखों की पुतलियों का मूवमेंट बंद हो जाता है. हालांकि हार्ट, लीवर और किडनी आदि काम करते हैं. ब्रेन डेड की स्थिति में मरीज को वेंटीलेटर के सपोर्ट की जरूरत पड़ती है क्‍योंकि वो सांस नहीं ले पाता. 

इन कारणों से हो सकता है ब्रेन डेड

ब्रेन में खून या ऑक्‍सीजन की सप्‍लाई न हो पाने से ब्रेन डेड होता है. इसके अलावा ब्रेन स्ट्रोक, ब्लड क्लॉट, सिर में लगी गंभीर चोट, ब्रेन हैमरेज, ब्रेन ट्यूमर, कार्डिएक अरेस्ट, दिल का दौरा पड़ना, इंसेफेलाइटिस जैसे संक्रमण भी इसकी वजह हो सकते हैं. डॉ. राजेश कुमार की मानें तो ब्रेन डेड होने की स्थिति में व्‍यक्ति के रिकवरी की संभावना लगभग पूरी तरह खत्‍म मानी जाती है. कोई चमत्‍कार ही व्‍यक्ति को बचा सकता है. भाग्‍यवश वो बच भी गया तो वो सामान्‍य जीवन नहीं जी सकता. उसे आर्टि‍फिशियल लाइफ सपोर्ट के साथ जिंदगी गुजारनी पड़ती है.

ब्रेन डेड की स्थिति में मरीज मृत माना जाता है

ब्रेन डेड की स्थिति में व्‍यक्ति का ब्रेन पूरी तरह से काम करना बंद कर देता है. अगर एक परसेंट भी ब्रेन काम रहा होता है, तो उसे कोमा की स्थिति माना जाता है, ब्रेन डेड नहीं कहा जा सकता. ब्रेन डेड को कानूनी रूप से मृत माना जाता है. अगर किसी का ब्रेन डेड हो जाता है, तो उसका डेथ सर्टिफिकेट उसी तिथि का बनाया जाता है, जिसमें उसका ब्रेन डेड हुआ था. भले ही व्‍यक्ति की सांसे कुछ देर तक चलती रहें.