Passive Smoking Side Effects: अगर आपका कोई दोस्‍त या कोई करीबी व्‍यक्ति स्‍मोकिंग करता है, तो स्‍मोकिंग से उसे तो सीधेतौर पर नुकसान पहुंचता ही है, लेकिन अगर आप स्‍मोकिंग के दौरान उसके आसपास रहते हैं, तो आप खुद के लिए भी परेशानी खड़ी कर रहे हैं. दरअसल स्मोकिंग करने के बाद जो धुआं बाहर निकलता है, उसे जब दूसरा व्‍यक्ति सांस के जरिए इन्‍हेल करता है, तो इसे सेकंड हैंड स्‍मोकिंग (Second Hand Smoking) या पैसिव स्मोकिंग (Passive Smoking) कहा जाता है. पैसिव स्‍मोकिंग को और भी ज्‍यादा खतरनाक माना जाता है क्‍योंकि सेकंड-हैंड स्‍मोक के विषैले तत्‍व सीधे सिगरेट से लिए जाने वाले धुएं की तरह छनते नहीं हैं. इस कारण पैसिव स्‍मोकिंग करने वाले की सेहत को भी कई तरह की खतरनाक बीमारियों का रिस्‍क बढ़ जाता है. यहां जानिए कितनी खतरनाक है सेकंड हैंड स्‍मोकिंग.

सबसे पहले लंग्‍स को खतरा

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सांस के जरिए जब सिगरेट का धुआं आपके शरीर में जाता है, तो सबसे पहले ये आपके लंग्‍स के लिए समस्‍या खड़ी करता है.  इसके कारण अस्थमा, टीबी, निमोनिया और सीओपीडी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है. बच्‍चों के लिए तो ये और ज्‍यादा खतरनाक हो जाता है. ऐसे बच्‍चों का इम्‍यून सिस्‍टम तो कमजोर होता ही है, साथ ही उनमें निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, अस्‍थमा, खांसी और सांस फूलने आदि की समस्‍याओं का रिस्‍क काफी बढ़ जाता है.

इन्‍फर्टिलिटी का खतरा

पैसिव स्‍मोकिंग न सिर्फ महिलाओं में बल्कि पुरुषों में भी इन्‍फर्टिलिटी का रिस्‍क बढ़ाती है. इससे पुरुषों में स्‍पर्म को नुकसान पहुंचता है, वहीं महिलाओं में ओवरीज और एंडोमेट्रियल लाइनिंग को नुकसान पहुंचता है. इसके अलावा कई बार पैसिव स्‍मोकिं हॉर्मोनल समस्‍याओं की भी वजह बनती है.

स्‍ट्रोक का खतरा

पैसिव स्‍मोकिंग के जरिए हार्ट स्‍ट्रोक और ब्रेन स्‍ट्रोक का भी खतरा बढ़ता है. पैसिव स्मोकिंग ब्लड को अधिक चिपचिपा बनाता है और थक्के की आशंका को बढ़ाता है. इससे ब्लड वेसल में ब्लॉकेज का रिस्‍क बढ़ता है और हार्ट स्‍ट्रोक और ब्रेन स्‍ट्रोक का खतरा बढ़ता है.

प्रेगनेंट महिलाओं के लिए भी हानिकारक

पैसिव स्‍मोकिंग गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी काफी नुकसानदायक होती है. अगर प्रेगनेंट महिला पैसिव स्‍मोकिंग के संपर्क में रहती है तो इससे उसके बच्‍चे की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है और बच्चे में किसी न किसी तरह डिफेक्ट आने का रिस्‍क बढ़ जाता है. इससे बच्‍चे को न्‍यूरोलॉजिकल समस्‍याएं भी हो सकती हैं.

बचाव के लिए क्‍या करें

स्‍मोकिंग करने वाले के संपर्क में आने से खुद को पूरी तरह से बचाएं. गर्भवती महिलाएं खासतौर पर इसका खयाल रखें. इसके अलावा नियमित रूप से लंग्‍स को स्‍वस्‍थ बनाने वाली एक्‍सरसाइज करें. आपके आसपास जो भी लोग सिगरेट पीते हैं, उन्‍हें इसके नुकसान बताकर स्‍मोकिंग छोड़ने के लिए प्रेरित करें. 

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