नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi) हर साल धनतेरस के अगले दिन कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है. इसे रूप चतुर्दशी, नरक चौदस और छोटी दिवाली भी कहा जाता है. इस बार नरक चौदस 24 अक्‍टूबर को मनायी जाएगी. इसी दिन दिवाली (Diwali) भी है. मान्‍यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्‍ण ने नरकासुर का वध किया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता हे और इस दिन भगवान श्रीकृष्‍ण की पूजा की जाती है. इस दिन अकाल मृत्‍यु के संकट को टालने के लिए यमराज की भी पूजा की जाती है और घर के बाहर यम दीपक जलाया जाता है. 

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इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन घर की गंदगी को हटाया जाता है और घर को साफ-सुथरा करके दिवाली पर माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारियां की जाती हैं. मान्‍यता है कि इससे माता लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है. लेकिन नरक चतुर्दशी के दिन कुछ काम भूलकर भी नहीं किए जाने चाहिए, वरना माता लक्ष्‍मी नाराज हो सकती हैं. पंडित देवी प्रसाद से जानते हैं इनके बारे में.

नरक चतुर्दशी के दिन न करें ये काम

  • पंडित देवी प्रसाद कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन देर से सोकर न उठें. इस दिन माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारियां की जाती हैं. माता लक्ष्‍मी जिस पर प्रसन्‍न हो जाएं, उसके जीवन में धन-धान्‍य आदि किसी चीज की कभी कमी नहीं होती. देर तक सोना दरिद्रता की निशानी है. इससे आपका भाग्‍य रूठ सकता है और आपके घर की सुख-समृद्धि प्रभावित हो सकती है.
  • इस दिन झगड़ा नहीं करना चाहिए और न ही किसी को अपशब्‍द कहने चाहिए. इससे लक्ष्‍मी नाराज होती हैं. शास्‍त्रों में भी बताया गया है कि लक्ष्‍मी वहीं निवास करती हैं, जहां बड़ों और महिलाओं का सम्‍मान होता है, परिवार के लोगों के बीच प्रेम होता है.
  • नरक चतुर्दशी से लेकर दिवाली तक अपने घर को खाली छोड़कर नहीं जाना चाहिए. अगर बहुत जरूरी हो, तो भी घर में कोई एक सदस्‍य जरूर रुके. ताला न लगाएं. इसे शुभ नहीं माना जाता. इससे परिवार की सुख समृद्धि प्रभावित होती है.
  • किसी भी तरह का कबाड़ अगर घर में है, या छत पर पड़ा है, टूटी-फूटी चीजें घर में हैं तो उन्‍हें इस दिन घर में नहीं रखना चाहिए. बाहर निकालकर फेंक दें. घर को साफ-सुथरा और सुंदर बनाएं और फूलों व रंगों से सजाएं, तब लक्ष्‍मी माता का स्‍वागत करें. कबाड़ और टूटी-फूटी चीजों को दरिद्रता की निशानी माना जाता है.
  • झाड़ू को लक्ष्‍मी का स्‍वरूप कहा गया है, क्‍योंकि ये घर की गंदगी को दूर करती है और गंदगी को दरिद्रता से संबन्धित माना गया है. इसलिए इस दिन झाड़ू में पैर न लगाएं. ऐसा करना लक्ष्‍मी को नाराज करने जैसा है.
  • इस दिन नॉनवेज को खाने से बचना चाहिए और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. वरना आपको नरक का भागी होना पड़ सकता है. इसके अलावा अन्‍न का अनादर नहीं करना चाहिए. इससे आपके घर की संपन्‍नता पर असर पड़ता है.
  • छोटी दिवाली के दिन तेल का दान नहीं करना चाहिए. इस दिन तेल का दीपक जलाया जाता है. इसके अलावा दक्षिण दिशा में गंदगी न डालें. ये दिशा यमराज और पितरों की दिशा मानी गई है. इस दिशा में दीपक जलाया जाता है.