Chandra Grahan 2022: गर्भवती महिलाएं रहें अलर्ट, आज शाम 06:18 मिनट तक ये सावधानियां बरतना बहुत जरूरी
सूतक काल को शास्त्रों में अशुभ समय माना गया है. इस दौरान कई तरह के नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है. गर्भवती महिलाओं को इस दौरान खासतौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है, वरना उनके गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंच सकता है.
Chandra Grahan Precautions for Pregnant Women: आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. ये साल का आखिरी ग्रहण है, जो भारत के तमाम हिस्सों में शाम 05:29 मिनट पर शुरु होगा और शाम 06:18 मिनट पर ग्रहण का समापन होगा. भारत के पूर्वी इलाकों में इसकी शुरुआत 04:28 मिनट से हो जाएगी. सबसे पहले चंद्र ग्रहण को ईटानगर में देखा जा सकेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है. ऐसे में देश के तमाम हिस्सों में सूतक की शुरुआत 08:19 से हो जाएगी.
सूतक काल को शास्त्रों में अशुभ समय माना गया है. इस दौरान कई तरह के नियमों का पालन करने के लिए कहा जाता है. गर्भवती महिलाओं को इस दौरान खासतौर पर सावधानी बरतने की जरूरत है, वरना उनके गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंच सकता है. आइए ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानते हैं कि सूतक काल से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक किन नियमों का पालन करना होगा.
सुबह 08:29 मिनट से लेकर शाम 06:18 मिनट तक बरतें सावधानियां
- ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र कहते हैं कि सूतक से लेकर ग्रहण काल संपन्न होने तक यानी सुबह 08:29 मिनट से लेकर शाम 06:18 मिनट तक, गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना है. इस बीच प्रकृति में काफी नकारात्मक चीजें उत्पन्न होंगी. इनसे गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है.
- सूतक काल से लेकर ग्रहण काल तक महिलाओं को चाकू, कैंची, सुई, ब्लेड आदि ऐसी किसी भी चीज जो धारदार या नुकीली हो, उसका इस्तेमाल नहीं करना है. ऐसा करने से बच्चे में शारीरिक विकृति आ सकती है.
- सूतक लगने के बाद ग्रहण काल समाप्त होने तक खाना न पकाएं. ग्रहण में खानपान से जुड़े नियम गर्भवती महिलाओं के लिए लागू नहीं हैं. लेकिन भूख लगने पर उन्हीं चीजों को खाएं जिसमें तुलसी का पत्ता पड़ा हो क्योंकि सूतक और ग्रहण काल के दौरान उत्पन्न होने वाली नकारात्मकता को तुलसी का पत्ता समाप्त कर देता है.
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ये तीन काम जरूर करें
- इसके अलावा अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाकर रखना चाहिए. गेरू सूतक और ग्रहण के दौरान पैदा होने वाली नकारात्मक किरणों के नुकसान से बच्चे को बचाने का काम करता है.
- सूतक काल से लेकर ग्रहण काल तक गर्भवती महिलाओं को अपने पास अपने पास नारियल रखना चाहिए. इससे ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव खत्म होता है. ग्रहण समाप्त होने के बाद इस नारियल को जल में प्रवाहित करवा दें.
- मन ही मन में भगवान का नाम लें और गायत्री मंत्र का जाप करें. ग्रहण काल के दौरान मानसिक जाप को बहुत ही अच्छा माना गया है. ये सिर्फ गर्भवती महिलाएं नहीं, बल्कि सभी के लिए अच्छा माना गया है.