Karwa Chauth 2022: करवाचौथ व्रत के दौरान भूल से भी कर दीं ये 5 गलतियां, तो व्यर्थ हो जाएगा आपका व्रत
करवाचौथ को सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दिन सुहागिनों को कुछ काम नहीं करने चाहिए, वरना व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है.
अखंड सौभाग्य और पति की दीर्घायु की कामना के साथ हर साल करवाचौथ का व्रत रखा जाता है. इस बार ये व्रत आज 13 अक्टूबर को रखा जा रहा है. इस दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इसके बाद चंद्र दर्शन किए जाते हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं इस व्रत को खोलती हैं. करवाचौथ को सुहागिन महिलाओं का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है. इस दिन सुहागिनों को कुछ काम नहीं करने चाहिए, वरना व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं हो पाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानिए इसके बारे में-
सूर्योदय के बाद न खाएं सरगी
करवाचौथ का व्रत सूर्योदय के बाद से शुरू हो जाता है. ऐसे में इसके नियम भी सूर्योदय के बाद से लागू हो जाते हैं. व्रत से पहले सरगी खाने का चलन है, ताकि दिनभर शरीर को कमजोरी और अन्य परेशानियों से बचाया जा सके. ऐसे में कभी भी सूर्योदय के बाद सरगी खाने की गलती न करें. इसे सुबह 4 बजे से पहले ही खाएं. सूर्योदय के बाद सरगी खाने से आपका व्रत नहीं माना जाएगा.
सुहाग की चीज के नियम
करवाचौथ सुहागिनों का त्योहार है. महिलाओं की लंबी आयु की कामना करते हुए इस दिन महिलाएं सोलह श्रंगार करती हैं. इस दौरान अगर सुहाग से जुड़ी कोई चीज टूट जाए तो उसे कचरे में न फेंके. उसे बहते जल में प्रवाहित कर दें या मिट्टी में गाड़ दें. इस दिन किसी दूसरे के सिंदूर आदि का इस्तेमाल न करें.
सफेद रंग न पहनें
करवाचौथ के लिए सफेद रंग के वस्त्र भूलकर भी न पहनें. इसे शुभ नहीं माना जाता है. इस दिन लाल रंग की साड़ी या किसी अन्य ब्राइट कलर की साड़ी या अन्य वस्त्र धारण करें. सफेद रंग की कोई चीज दान भी न करें.
किसी की बुराई न करें
व्रत के दिन किसी की बुराई या चुगली न करें. इससे व्रत का पुण्य प्राप्त नहीं होता. इस व्रत को सार्थक करने के लिए शिव और माता पार्वती का मन ही मन जाप करें. भगवान से अपने वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने और पति के जीवन की सभी बलाओं को दूर करने की प्रार्थना करें.
झगड़ा न करें
जिस पति के लिए ये व्रत रखा है, उससे कोई झगड़ा न करें और न ही मन में उसके लिए कोई नाराजगी का भाव रखें. यही बात पति पर भी लागू होती है. परिवार का माहौल शांतिभरा रखें. आप जितनी खुशी और शांति के साथ ये पर्व मनाएंगे, उतना ही बेहतर इसका प्रभाव होगा.