हाई ब्लड प्रेशर यानी कि हाइपरटेंशन जिसे एक साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है. ये बीमारी बहुत ज्यादा तनाव लेने की वजह से भी होती है . इसके अलावा खान-पान भी इसका कारण बन सकता है. हाइपरटेंशन होने पर घबराहट, बेचैनी, सिरदर्द, थकान जैसे लक्षण महसूस होते हैं. अगर आप को आए दिन इस तरह के लक्षणों का सामना करना पड़ता है तो आपको ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करवाना चाहिए. ब्लड प्रेशर मापने में 2 फैक्टर यूज किए जाते हैं.

1.    सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर –

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ऊपर वाला नंबर दिल के जरिए आर्टरीज में ब्लड पुश करने का प्रेशर दिखाता है. यानी कि कितने प्रेशर से ब्लड पुश किया जा रहा है.

2.    डायास्टोलिक ब्लड प्रेशर-

वहीं नीचे वाला नंबर हार्ट बीट के बीच आपके ब्लड का प्रेशर दिखाता है. यानी कि जब आपका दिल आराम कर रहा है तब. 120/80mm से नीचे का प्रेशर नॉर्मल माना जाता है वहीं 130/80 से ऊपर हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है. इस तरह कर सकते हैं कंट्रोल 65 स्टडीज का मेटा एनालिसिस ये दिखाता है कि एरोबिक एक्सरसाइज धीरे-धीरे ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करती हैं. अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी द्वारा 2019 में पेश की गई रिपोर्ट की मानें तो 40 मिनट का फिजिकल एक्टिविटी सेशन हफ्ते में 3-4 बार करना चाहिए.

ओवरवेट होने पर लूज करें वेट 

अगर आप ओवरवेट हैं तो कुछ हद तक वजन कम करने से ही आपके ब्लड प्रेशर में सुधार हो जाएगा. साथ ही अन्य मेडिकल प्रॉब्लम से भी आप बचेंगे.

शुगर और रिफाइंड कार्बोहायड्रेट से बचें 

कई स्टडीज में ये पाया गया कि शक्कर और रिफाइंड कार्बोहायड्रेट को कम करने से हाई ब्लड प्रेशर में सुधार होता है.

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पोटैशियम ज्यादा सोडियम कम 

पोटैशियम इन्टेक को बढ़ा कर और नमक को कम कर भी हाई ब्लड प्रेशर में आराम आता है. पोटैशियम दो तरह से बेहद फायदेमंद होता है. एक ये आपके ब्लड वेसल में टेंशन को कम करता है, दूसरा ये शरीर में नमक के प्रभाव को कम करता है. लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह इन्टेक कम या ज्यादा न करें. किडनी से जुड़ी परेशानी होने पर पोटैशियम नुकसानदायक भी होता है.