इम्यूनिटी को बेहतर करने के लिए हम सब काफी कुछ करते हैं. इसी कड़ी में कई बार लोगों से सुनकर तमाम चीजों को अपनी लाइफस्‍टाइल और डाइट में शामिल कर लेते हैं. उसके लिए किसी एक्‍सपर्ट से सलाह लेना भी जरूरी नहीं समझते. हमारे लाइफस्‍टाइल और खानपान में इस तरह का प्रयोग शरीर को मुश्किल में डाल सकता है. न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना के अनुसार ऐसी तमाम चीजें हैं, जिनका अत्‍यधिक या जरूरत से कम इस्‍तेमाल हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाता है और इम्‍यूनिटी को कमजोर करता है फिर चाहे वो जिंक हो, फैट हो या कॉर्बोहाइड्रेट.

जिंक का ज्‍यादा सेवन कमजोर कर सकता है इम्‍यूनिटी

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जिंक एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है, जिसका लोग सप्लीमेंट के तौर पर सेवन करते हैं. कोविड के बाद इसका इस्‍तेमाल काफी तेजी से बढ़ा है. रिद्धि खन्ना के मुताबिक ये सच है कि कोविड के समय जिंक ने बीमारी से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाने में काफी अच्‍छी भूमिका निभाई थी, लेकिन हमेशा ये हमारे लिए फायदेमंद हो, ऐसा नहीं है. जिंक का अधिक मात्रा में सेवन आयरन और कॉपर के अब्जॉर्प्शन पर असर डालता है. वो कॉपर जो इम्यूनिटी बढ़ाता है. इसलिए जिंक का जरूरत से ज्‍यादा सेवन करने से आपकी इम्‍यूनिटी कमजोर हो सकती है. ऐसे में सलाह है कि इसकी मात्रा का खास रखें और सेवन से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से जरूर मिलें. उनके सुझाव के अनुसार ही इनका उपयोग करें.

हेल्‍दी फैट को न करें नजरअंदाज

ऐसा ही कुछ फैट्स के साथ होता है. फैट या वसा कैसा हो इसका भी ध्यान रखना जरूरी है. जंक फूड के इस दौर में लोग अक्सर हेल्दी फैट को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर एकदम से तेल घी युक्त भोजन से तौबा कर लेते हैं. स्वस्थ वसा शरीर की इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद है. खन्ना के मुताबिक सैचुरेटेड फैट जरूरी है जो जैतून के तेल, एवोकाडो और कुछ मेवों में होता है तो वहीं पॉलीसैचुरेटेड फैट मछलियों, चिया बीज और अखरोट में पाया जाता है. ओमेगा 3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड इम्यूनिटी को बूस्ट करता है.

विशेषज्ञों के मुताबिक सब्जियों और फलों को ज्यादा धोकर खाना, वजन कम करने के लिए ज्यादा वर्जिश करना या फिर जरूरत से ज्यादा सप्लीमेंट का इस्तेमाल करने से भी बचना जरूरी है. अगर एक्सपर्ट सलाह से काम लेंगे तो ताकतवर भी रहेंगे और बीमारी से लड़ने के काबिल भी रहेंगे.