हाल ही में पद्म पुरस्‍कारों से नवाजी गई हस्तियों में जयपुर की डॉ. माया टंडन का भी नाम शामिल है. डॉ. माया टंडन को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. जयपुर की माया टंडन सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए 30 सालों से ज्यादा समय से काम कर रही हैं. उन्होंने अपनी संस्था 'सहायता' के जरिए कई सड़क दुर्घटना पीड़ितों की जान बचाई है, जो लोगों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) ट्रेनिंग प्रदान करने में मदद करती है.

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माया को उनकी असाधारण सेवाओं के लिए इस साल पद्मश्री से सम्मानित किया गया. उन्होंने राजस्थान में कई लोगों की जान बचाने में मदद की है. अपने काम के जरिए वे ये सुनिश्चित करती हैं कि उन लोगों को सीपीआर ट्रेनिंग दे सकें, जो इस तकनीक से अनजान हैं ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. उनका कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को सीपीआर ट्रेनिंग दिया जाना चाहिए क्योंकि दिल का दौरा पड़ने के मामले आए दिन बढ़ रहे हैं. बता दें कि माया जयपुर के जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुईं हैं और लोगों को सीपीआर को लेकर जागरुक कर रही हैं, ताकि आम लोग भी इसके जरिए दूसरों की मदद कर सकें.

क्‍या होता है CPR और इससे कैसे बचाई जा सकती है जान

जब किसी व्यक्ति का दिल अचानक से दिल धड़कना बंद कर देता है या वो सांस नहीं ले पता तो इस स्थिति में उसकी जान बचाने के लिए सीपीआर की मदद ली जाती है. इस दौरान उस व्यक्ति की छाती पर हाथ रखके उसे बार-बार धक्का देते हैं. CPR के जरिए इमरजेंसी की स्थिति में आप सिर्फ अपनों की ही नहीं, बल्कि दूसरों की भी जान बचाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. विदेशों में सीपीआर स्कूल एज से ही सिखाया जाता है लेकिन इंडिया में ऐसा कुछ भी नहीं किया जाता.

इनपुट: आईएएनएस