हाई ब्‍लड प्रेशर को हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक के स‍बसे बड़े कारणों में से एक माना जाता है. हाई बीपी आजकल खराब लाइफस्‍टाइल के कारण एक कॉमन समस्‍या बनती जा रही है. इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्‍योंकि हाई बीपी के वार्निंग साइन और विजिबल सिम्टम्स नहीं होते. हार्ट स्‍पेशियलिस्‍ट डॉ. अजीत सिंह की मानें तो हाई बीपी को अगर समय रहते नियंत्रित न किया जाए, तो ये जानलेवा भी साबित हो सकता है. 

हाई बीपी से होता ये खतरा

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हाई बीपी की समस्‍या से सिर्फ हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक का ही खतरा नहीं होता है, बल्कि ये किडनी फेल्‍योर, मल्‍टी ऑर्गन फेल्‍योर, ब्रेन स्रिंक, अंधेपन की वजह भी बन सकता है. इसलिए हाई बीपी के मामले में कभी भी कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए. अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो नियमित रूप से इसकी जांच करें, समय से इसकी दवा लें और अपने खानपान का विशेष रूप से खयाल रखें. 

इन तरीकों से करें कंट्रोल

  • हाई बीपी के मरीजों को बहुत ज्‍यादा नमक नहीं खाना चाहिए. Dietary Approaches to Stopping Hypertension के अनुसार हाई बीपी के मरीजों के लिए दिन भर में केवल दो-तिहाई नमक ही पर्याप्‍त होता है. अगर सिर्फ नमक को सीमित मात्रा में खाया जाए तो हाई बीपी को कंट्रोल रखने में काफी मदद मिलती है.
  • अगर आप प्रोसेस्‍ड मीट खाते हैं, तो इस आदत को भी छोड़ दें. इसे खाने से भी हाई बीपी की समस्‍या बढ़ने का रिस्‍क बढ़ जाता है.
  • ज्‍यादा शुगर खाना भी हाई बीपी के मरीजों के लिए अच्‍छा नहीं माना जाता है. इसलिए नमक के साथ-साथ ज्‍यादा चीनी खाने से भी परहेज करें. 
  • अगर आप बाहरी जंकफूड, फास्‍टफूड और दूसरी चीजें खाते हैं, तो अपनी इस आदत को सुधार लें. इन चीजों से आपका मोटापा बढ़ता है. मोटापे को हाई बीपी ही नहीं, बल्कि तमाम अन्‍य बड़ी बीमारियों की वजह माना जाता है.
  • इसके अलावा नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे. योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई  बीपी की वजह माना जाता है. 
  • अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं.