Heart Attack: बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता सतीश कौशिक (Satish Kaushik Death) का 67 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. इससे एक दिन पहले उन्होंने सोशल मीडिया पर होली खेलने के तस्वीरों को शेयर किया था, जिसमें वो बिल्कुल ठीक नजर आ रहे थे. बीते कुछ दिनों में हार्ट अटैक के ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां सामान्य लोगों की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो जा रही है. आपको बता दें कि हार्ट अटैक पड़ने पर ढाई मिनट का समय काफी अहम होता है. अगर इस दौरान आपने कुछ खास टिप्स को फॉलो कर लिया तो दिल का दौरा पड़ने पर जान जाने की संभावना काफी कम हो जाता है. 

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इंडो यूरोपियन हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. चिन्मय गुप्ता (Dr Chinmay Gupta) ने बताया कि भारत में दिल का दौरा पड़ने पर 10 में से 5 लोग ही हॉस्पिटल पहुंच पाते हैं. ऐसे में जो लोग समय पर अस्पताल पहुंच गए, उन्हें तो इलाज मिल जाता है. लेकिन वो लोग जो तुंरत अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं, उनकी जान कुछ खास सावधानियां बरत कर बचाई जा सकती है. 

हार्ट अटैक पड़ने पर क्या करें

डॉ. गुप्ता ने बताया कि अगर आपके आस-पास किसी को दिल का दौरा पड़ता है, तो उसे जितनी जल्दी हो सके Sorbitrate टैबलेट देना चाहिए. इस टैबलेट को जीभ के नीचे रखने से आपके दिल के काम करने की क्षमता करीब 10 फीसदी तक बढ़ जाती है. दिल के मरीजों या हाई बीपी वाले मरीजों को इस दवा को हमेशा अपने पास रखना चाहिए. किसी भी इमरजेंसी में इसकी जरूरत पड़ सकती है.

ढाई मिनट हैं बहुत जरूरी

अगर आपके आसपास कोई अचानक से बेहोश हो जाता है, तो सबसे पहले उसकी पल्स चेक करें. अगर पल्स नहीं मिल रही तो ऐसा हो सकता है कि उसके हार्ट अटैक आया हो. ऐसे दो से ढाई मिनट के अंदर उसके हार्ट को रिवाइव करना बहुत जरूरी है, नहीं तो ऑक्सीजन के कमी के चलते उसका ब्रेन डैमेज हो सकता है. ऐसे में हार्ट अटैक आने पर तुरंत सीने पर जोर का मुक्का मारें. पेशेंट के सीने पर हर पांच सेकेंड के गैप पर जोर से मुक्का मारते रहें, जब तक वो होश में नहीं आ जाता है. इससे उसका दिल फिर से काम करना शुरू कर देगा और उसे तुंरत अस्पताल लेकर जाएं. 

क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक (Heart Attack) की स्थिति में सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ, पसीना आना या बैचेनी होना, घबराहट महसूस होना आदि प्रमुख लक्षण हैं. अगर आप डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीज हैं या आपको कोलेस्ट्रॉल आदि की समस्या है तो आपको अपने दिल का विशेष खयाल रखना चाहिए. इसके साथ ही अगर आप पहले से जल्दी थकने लगे हैं, जैसे सीढ़ियां चढ़ना या कोई और फिजिकल एक्टिविटी करने में आपको जल्दी थकान हो जाती है, तो आप डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करा सकते हैं.  

लाइफ स्टाइल में करें ये बदलाव

  • हाई बीपी के मरीजों को बहुत ज्‍यादा नमक नहीं खाना चाहिए. Dietary Approaches to Stopping Hypertension के अनुसार हाई बीपी के मरीजों के लिए दिन भर में केवल दो-तिहाई नमक ही पर्याप्‍त होता है. अगर सिर्फ नमक को सीमित मात्रा में खाया जाए तो हाई बीपी को कंट्रोल रखने में काफी मदद मिलती है.
  • अगर आप प्रोसेस्‍ड मीट खाते हैं, तो इस आदत को भी छोड़ दें. इसे खाने से भी हाई बीपी की समस्‍या बढ़ने का रिस्‍क बढ़ जाता है.
  • ज्‍यादा शुगर खाना भी हाई बीपी के मरीजों के लिए अच्‍छा नहीं माना जाता है. इसलिए नमक के साथ-साथ ज्‍यादा चीनी खाने से भी परहेज करें. 
  • अगर आप बाहरी जंकफूड, फास्‍टफूड और दूसरी चीजें खाते हैं, तो अपनी इस आदत को सुधार लें. इन चीजों से आपका मोटापा बढ़ता है. मोटापे को हाई बीपी ही नहीं, बल्कि तमाम अन्‍य बड़ी बीमारियों की वजह माना जाता है.
  • इसके अलावा नियमित रूप से वर्कआउट करें ताकि आपका वेट न बढ़े और शरीर फिट रहे. योग और मेडिटेशन करें ताकि आपका दिमाग शांत रहे और तनाव से बचे रहें. तनाव को भी हाई  बीपी की वजह माना जाता है. 
  • अगर आप हाई बीपी की कोई दवा ले रहे हैं, तो उसे नियमित रूप से समय पर लेते रहें. अगर आपके घर में हाई बीपी की फैमिली हिस्‍ट्री रही है, तो 40 साल के बाद नियमित रूप से जांच करवाएं.

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