H3N2 Virus Causes and Symptoms: वैश्विक महामारी कोविड 19 ने दो साल तक पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी. भारत में इस महामारी से लाखों लोगों की मौत हुई थी. कोरोना के बाद अब H3N2 वायरस ने डॉक्टर्स को चिंता में डाल दिया है. बीते कुछ दिनों में भारत में इस वायरस के कई मरीज मिले हैं. राजधानी दिल्ली में इस वायरस के मामले बढ़ गए हैं. हालांकि, ये फिलहाल कंट्रोल में है. डॉक्टर के मुताबिक पॉजीटिव पाए गए मरीजों की हालत गंभीर नहीं है. 

इंफ्लूएंजा ए वायरस है H3N2

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ANI से बातचीत में डॉ. डैंग्स लैब के सीईओ डॉक्टर अर्जुन डांग ने बताया कि H3N2 एक तरह का इंफ्लूएंजा ए है. ये वायरस नाक, गले, ऊपरी श्वसन पथ और कई मामलों में फेफड़ों को प्रभावित करता है. हालांकि, ये एक सीजनल बीमारी है जो हर सर्दी या फ्लू के मौसम में मौसमी महामारी का कारण बनती है. डॉ. डांग के मुताबिक पिछले कुछ हफ्तों में 100 से अधिक टेस्ट में अधिकतम H3N2 पॉजीटिव मरीज हैं. ज्यादातर मरीजों की हालत फिलहाल गंभीर नहीं है. हालांकि,यदि संख्या बढ़ी तो स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो सकती है.'   

ये है H3N2 वायरस के लक्षण

 

H3N2 वायरस के लक्षणों में प्रमुख हैं- बुखार आना, खांसी, गले में खराश. इसके अलावा बार-बार उल्टी आना और डायरिया की शिकायत भी हो सकती है. ये सर्दी और खांसी की तरह ही लगता है. कोई व्यक्ति H3N2 वायरस से पीड़ित है या नहीं, इसका पता लैब टेस्ट के जरिए ही लगता है. डॉ. डांग के मुताबिक कोविड के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग, साफ सफाई, मास्क लगाना जैसी सावधानियां बरती थी, वही हमें इस वायरस में भी बरतनी होगी. ये बेहद जरूरी है कि हम सालाना इंफ्लूएंजा वैक्सीन के शॉट्स जरूर लें. ये किसी भी गंभीर लक्ष्ण और जटिलता से हमें बचाता है.

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1968 में सबसे पहली बार H3N2 वायरस इंसानों में पाया गया था. हॉन्गकॉन्ग में इसका पहला केस मिला था. इसके बाद ये पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अमेरिका में फैल गया था.