कोलेस्‍ट्रॉल को हार्ट की बीमारी की बड़ी वजहों में से एक माना जाता है. कोलेस्‍ट्रॉल दो तरह का होता है एक लो डेंसिटी लिपो प्रोटीन यानी LDL और दूसरा हाई डेंसिटी लिपो प्रोटीन यानी HDL. सेहत के लिहाज से LDL का बढ़ना अच्‍छा नहीं होता, इसीलिए इसे खराब कोलेस्‍ट्रॉल कहा जाता है. वहीं HDL को अच्‍छा कोलेस्‍ट्रॉल कहा जाता है. ये आपकी दिल को दुरुस्‍त रखने का काम करता है. जब शरीर में LDL की मात्रा बढ़ जाती है तो उसे हाई कोलेस्‍ट्रॉल की समस्‍या कहा जाता है. आमतौर पर हाई कोलेस्‍ट्रॉल हमारे गलत खानपान का नतीजा होता है. लेकिन कई बार आनुवांशिक कारणों से भी ये समस्‍या हो जाती है. इसे मेडिकल भाषा में Familial Hypercholesterolemia कहते हैं. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.

बच्‍चों में बढ़ाती है हार्ट डिजीज का रिस्‍क

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस मामले में नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा बताते हैं कि फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से जूझ रहे बच्चों में जन्म के साथ ही ब्लड में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो जाती है. उम्र के साथ परेशानी और बढ़ने लगती है. ऐसे में अगर लाइफस्‍टाइल और खानपान गड़बड़ हो जाए तो समस्‍या गंभीर रूप ले सकती है. इससे दिल की धमनियों में ब्‍लॉकेज आ सकता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है यानी ये समस्‍या व्‍यक्ति को कम उम्र में ही हार्ट अटैक के 'डेंजर जोन' में ले जा सकती है. 

ये लक्षण आते हैं सामने

  • हाथ पैरों की नस सख्त होना
  • आखों में सफेद रंग के छल्ले 
  • हाई बीपी
  • सांस फूलना
  • सिर दर्द
  • मोटापा
  • सीने में दर्द
  • बेचैनी और मितली आदि

बचाव के लिए क्‍या करें

  • इस तरह के किसी भी लक्षण के सामने आने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें.
  • डॉ. के परामर्श से जरूरी जांच कराएं और सभी निर्देशों का पालन करें. 
  • अपने खानपान की आदतों में सुधार करें. ज्‍यादा चिकनाईयुक्‍त और मसालेदार भोजन न खाएं.
  • बाहरी जंकफूड-फास्‍टफूड और शुगरी ड्रिंक्‍स वगैरह लेने से बचें.
  • किसी एक्‍सपर्ट की मदद लेकर नियमित रूप से वर्कआउट करें, प्राणायाम वगैरह करें और खाने के बाद जरूर टहलें.
  • हरी सब्जियां, फल, नारियल पानी, जूस वगैरह को डाइट का हिस्‍सा बनाएं
  • सुबह खाली पेट लहसुन की कली को पानी के साथ लें. अलसी, अखरोट वगैरह को डाइट में शामिल करें. इससे बैड कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है.
  • इसके अलावा अर्जुन की छाल का काढ़ा या दालचीनी, सोंठ और मुलैठी का काढ़ा रात में सोते समय लेने स कोलेस्‍ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है.