हेडफोन में तेज आवाज में गाना सुनते हैं तो सावधान, WHO ने चेताया - 70 करोड़ से अधिक लोगों को है बहरेपन का खतरा
Deafness Risk: दुनियाभर में बहरापन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. WHO ने एक रिपोर्ट में चेताया है कि 2050 तक 70 करोड़ से अधिक लोग इसके शिकार हो सकते हैं.
Deafness Risk: दुनियाभर में 1 अरब से अधिक युवाओं और बच्चों को सुनने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. जी हां, WHO ने बताया कि इसकी सबसे बड़ी वजह पर्सनल हीयरिंग डिवाइस जैसे कि आपके हेडफोन, ईयर बड्स आदि होती है. हेडफोन के अलावा पार्टियों में जाकर जो ऊंचे आवाज में हम म्यूजिक सुनते हैं, उससे भी इसका खतरा (Deafness Risk) बढ़ता जा रहा है. भारत में भी करीब 6.5 करोड़ से ज्यादा लोग आंशिक या पूरी तरह से बहरेपन का शिकार हैं और हेडफोन के लगातार इस्तेमाल यह खतरा और बढ़ता जा रहा है.
BMJ हेल्थ ग्लोबल (ब्रिटिश मेडिकल जर्नल) ने अपने रिपोर्ट में जो दावा पेश किया है, वह बेहद परेशान करने वाला है, जिसके मुतबिक, हेडफोन, ईयरफोन आदि पर तेज आवाज में संगीत सुनने पर दुनियाभर में 1 अरब से अधिक युवाओं और किशोरों को कम सुनने की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
दुनियाभर में करोड़ों लोगों के है समस्या
WHO की शोध के मुताबिक, 43 करोड़ से अधिक लोग वर्तमान में सुनने की अक्षमता से पीड़ित हैं. अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो 2050 तक यह संख्या बढ़कर 700 मिलियन (70 करोड़) हो जाएगी. वहीं इसमें यह भी कहा गया है कि 2050 तक हर 4 में से 1 व्यक्ति को सुनने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा. भारत में 6.5 करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्हें या तो कम सुनाई देता है या बिल्कुल भी नहीं सुनाई देता है.
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तेज आवाज से होती हैं ये बीमारियां
WHO ने कहा कि लोग शुरुआत में बहरेपन को गंभीरता से नहीं लेते हैं. इसे बीमारी मानने में लोगों को 4 से 6 साल लग जाता है. तब तक यह समस्या काफी हद तक बढ़ चुकी होती है. इसके इलाज के लिए उन्हें हियरिंग एड नाम की मशीन लगाना होता है. भारत में हर साल करीब 6 लाख हियरिंग एड मशीन बिकती है. जिसका मतलब है कि सुनने की समस्या से पीड़ित अधिकांश लोग इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं. कान की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेने के चलते लोग जल्द बहरे हो जाते हैं. वहीं इसके चलते लोग कई मानसिक बीमारी जैसे कि भूलने की बीमारी या डिप्रेशन का भी शिकार हो जाते हैं.
कितना शोर सह सकते हैं आपके कान
BMJ जर्नल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आमतौर पर लोग अपने हेडफोन में 105 db से अधिक की आवाज रखते हैं, जबकि पार्टियों में साउंड 104 से 112 db तक का शोर होता है. इसके लिए 12 से 34 साल के 19,000 लोगों को इस स्टडी में शामिल किया गया है. इस रिसर्च में बताया गया कि 24 फीसदी किशोर और 48 फीसदी युवा अपने हेडफोन में तेज आवाज में संगीत सुनते हैं. बता दें कि आमतौर पर एक एडल्ट के लिए 80-90 db और बच्चों के लिए 75 db आवाज सहने लायक होती है.
तेज आवाज से होती हैं ये समस्याएं
- बहरेपन की समस्या
- कानों में दर्द
- कान में इंफेक्शन
- सिर दर्द, नींद न आना
- चक्कर और तेज हर्ट बीट