COVID 19 जैसे ही होते हैं H3N2 के लक्षण, फिर कैसे कोरोना से अलग है ये वायरस?
H3N2 Virus Vs COVID 19: नई दिल्ली में H3N2 के कई केस सामने आ रहे हैं. H3N2 वायरस के लक्षण कोविड 19 जैसे ही है. कोरोना की तरह इसमें भी सांस संबंधित दिक्कतें होती है. जानिए कैसे कोविड से अलग है H3N2 वायरस.
H3N2 Virus vs COVID 19: नई दिल्ली में H3N2 वायरस का खौफ है. पिछले कुछ दिनों में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है. जनवरी महीने में ही ये इंफ्लूएंजा वायरस दस्तक दे चुका था. कोरोना महामारी से उबरी देश की राजधानी में डर है कि एक बार फिर इस वायरस से कोई खतरा तो नहीं है. H3N2 वायरस ए का सब टाइप इंफ्लूएंजा है. ये चिड़िया से मानव में और दूसरे सांस लेने वाले जीव जंतुओं में फैलता है. इसके लक्षण काफी हद तक कोरोना महामारी जैसे ही है. वहीं, इससे बचने के लिए कोरोना जैसी ही सावधानियां बरतनी होगी.
एक जैसे हैं लक्षण (H3N2 Symptoms)
H3N2 वायरस के लक्षण में सर्दी, जुखाम, नाक से पानी, बदन दर्द, गले में खराश और लंबे समय तक खांसी शामिल है. इसके अलावा उल्टी आना और डायरिया भी इसके प्रमुख लक्षण हैं. ये इंफ्लूएंजा साल 1968 में हॉन्गकॉन्ग और अमेरिका में फैला था. हेल्थ एक्सपर्ट्स की माने तो इससे बचने के लिए कोविड की तरह ही आपको अच्छी क्वालिटी का मास्क लगाना चाहिए. वक्त-वक्त पर साबुन से अपने हाथों को धोना चाहिए. अपनी इम्युनिटी पर खास ध्यान दें यदि आपकी इम्युनिटी कमजोर है तो अपना खास ख्याल रखें. यदि आपको कोई लक्षण नजर आ रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह लें और अपना टेस्ट कराएं.
इस तरह से COVID से है अलग
इंफ्लूएंजा वायरस अमूमन चार तरह के होते है टाइप A, B,C और D. H3N2 टाइप ए वायरस का सब वेरिएंट है. ये वायरस 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में और पांच साल से कम उम्र के बच्चों में फैलता है. इसके अलावा शुगर के मरीज, सांस के मरीज और गंभीर बीमारियों से पीड़ित आदि व्यक्तियों को भी प्रभावित करता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक फ्लू और कोविड दोनों ही फेफड़ों से संबंधित बीमारी है. जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के मुताबिक कोविड 19 SARS-CoV-2 वायरस के कारण हुई थी. वहीं, H3N2 एक अलग वायरस है. कोविड में टेस्ट और सूंघने की शक्ति चली जाती है. वहीं, फ्लू में ऐसा कई बार नहीं होता है.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक दोनों से ही बचने के लिए वैक्सीन काफी कारगर साबित होती है. ऐसे में आपको कोविड वैक्सीन और फ्लू शॉट्स लगाने चाहिए. इसके अलावा ज्यादा गंभीर हालत में तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.