8 नवंबर को लगेगा चंद्र ग्रहण, सूतक लगेगा या नहीं, क्या बरतनी होगी सावधानी? पंडित जी से जान लीजिए सारी जानकारी
8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण सिर्फ पूर्वी भारत ही नहीं, बल्कि देश के तमाम हिस्सों में दिखाई देगा. अगर आपके दिमाग में ग्रहण से जुड़ा कोई भी कन्फ्यूजन है, तो यहां वो पूरी तरह से दूर हो जाएगा.
8 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसी दिन कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि भी है. ज्यादातर लोग मान रहे हैं कि ये चंद्र ग्रहण पूर्वी भारत में दिखाई देगा, इसलिए भारत में हर जगह सूतक मान्य नहीं होगा. लेकिन ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण सिर्फ पूर्वी भारत ही नहीं, बल्कि देश के तमाम हिस्सों में दिखाई देगा. फर्क सिर्फ इतना है कि बिहार, बंगाल, ओडिशा आदि पूर्वोत्तर भारत के तमाम इलाकों में ये खग्रास रूप में और शेष भारत में खंडग्रास रूप में दिखेगा. लेकिन सूतक हर हाल में मान्य होगा.
चंद्र ग्रहण का समय
ज्योतिषाचार्य की मानें तो भारतीय समय के अनुसार अगर दुनिया में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर को दोपहर में 02:39 मिनट पर होगी. लेकिन भारत में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 05:29 को शुरू होगा और शाम को 18:19 बजे तक समाप्त हो जाएगा. पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण के गवाह बनेंगे, वहीं देश के बाकी हिस्सों में लोगों को केवल ग्रहण का आंशिक चरण ही नजर आएगा.
कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
ज्योतिषाचार्य की मानें तो भारत में ये चंद्र ग्रहण अजमेर, अहमदाबाद, अमृतसर, बेंगलुरु, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ, देहरादून, दिल्ली, गुवाहटी, जयपुर, जम्मू, कोल्हापुर, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, नागपुर, पटना, रायपुर, राजकोट, रांची, शिमला, सिल्चर, उदयपुर, उज्जैन, बडौदरा, वाराणसी, प्रयागराज, चेन्नई, हरिद्वार, द्वारका, मथुरा, हिसार, बरेली, कानपुर, आगरा, रेवाड़ी, लुधियाना आदि में नजर आएगा. वहीं दुनिया की बात करें तो दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा.
कितने बजे से लगेगा सूतक
चंद्र ग्रहण भारत के तमाम हिस्सों में दिखेगा, ऐसे में सूतक काल भी मान्य होगा. चंद्र ग्रहण से ठीक 9 घंटे पहले चंद्र ग्रहण लग जाता है. ऐसे में भारत में सूतक काल की शुरुआत 8 नवंबर की सुबह 8 बजकर 29 मिनट से हो जाएगी. सूतक काल में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है. जानिए वो नियम-
- सूतक लगने के बाद सिलाई कढ़ाई का काम न करें. गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें.
- गर्भवती महिलाएं सूतक से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक बाहर न निकलें और अपने पेट पर सूतक लगने से पहले ही गेरू लगा लें.
- सूतक काल में भोजन से परहेज करें, लिक्विड डाइट ले सकते हैं. गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए ये नियम लागू नहीं होता है.
- खाना न बनाएं और चाकू, कैंची आदि का प्रयोग करने से परहेज करें
- घर के मंदिर में पूजा न करें. मानसिक जाप करना शुभ होता है, वो कर सकते हैं.
- खाने की वस्तु में तुलसी का पत्ता डालें. लेकिन उसे सूतक से पहले ही तोड़ लें.
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क्या होता है खग्रास और खंडग्रास चंद्र ग्रहण
पूर्ण चंद्र ग्रहण को खग्रास कहा जाता है. ये तब लगता है जब जब चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी के गर्भ में आ जाता है. इस स्थिति में पृथ्वी सूरज को पूरी तरह से ढक लेती है और सूर्य का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है. वहीं जब चंद्रमा का केवल एक हिस्सा पृथ्वी के गर्भ में प्रवेश करता है, तो उसे आंशिक या खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है. भारत के सभी हिस्सों में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा, लेकिन आंशिक और पूर्ण, दोनों ही रूपों के प्रारंभिक चरण नहीं दिखाई देंगे. हालांकि फिर भी पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लोग लोग पूर्ण चंद्र ग्रहण देख सकेंगे, वहीं देश के ज्यादातर हिस्सों में सिर्फ आंशिक चरण ही नजर आएगा.