Chandra Grahan 2022: जानिए कितनी तरह का होता है चंद्र ग्रहण, साल का आखिरी ग्रहण भारत में कितने बजे दिखेगा?
वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो कोई भी ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है. ग्रहण कई तरह के बताए गए हैं. जानिए ग्रहण के प्रकार और साल के आखिर में लगने वाला चंद्र ग्रहण कैसा होगा?
Chandra Grahan Date and Time: चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि को ही लगता है. साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा का दिन है. 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत समेत तमाम जगहों पर दिखाई देगा. भारतीय समय के अनुसार अगर दुनिया में चंद्र ग्रहण की शुरुआत 8 नवंबर को दोपहर में 02:39 मिनट पर होगी. लेकिन भारत में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा. भारत में चंद्र ग्रहण की शुरुआत शाम 05:29 को शुरू होगा और शाम को 18:19 बजे तक समाप्त हो जाएगा. इसके नौ घंटे पहले सुबह 8 बजकर 29 मिनट पर सूतक लग जाएगा.
ज्योतिष के हिसाब से ग्रहण काल को अशुभ घटना माना जाता है. इस दौरान मंदिर में पूजा पाठ वगैरह नहीं होते और कई नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं. लेकिन वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो कोई भी ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है. साथ ही ग्रहण के कई प्रकार होते हैं. आइए आपको बताते हैं कितनी तरह का होता है चंद्र ग्रहण.
पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse)
वैज्ञानिक रूप से देखा जाए तो पृथ्वी सूर्य के चक्कर लगाती है और चंद्रमा पृथ्वी के चक्कर लगाता है. इस बीच ऐसा क्षण आता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं. पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है. इसके कारण चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं आ पाती. इसे पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है. ज्योतिष के अनुसार पूर्ण चंद्र ग्रहण सबसे प्रभावशाली माना जाता है. इसका सभी राशियों पर अच्छा और बुरा प्रभाव देखने को मिलता है.
आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse)
आंशिक चंद्र ग्रहण के अनुसार जब सूरज और चांद के बीच पृथ्वी पूरी तरह न आकर केवल इसकी छाया ही चंद्रमा पर पड़ती है. तब इसे आंशिक चंद्र ग्रहण कहा जाता है. ये वाला ग्रहण लंबे वक्त के लिए नहीं लगता है. लेकिन ज्योतिष के हिसाब से इसमें भी सूतक के सारे नियमों का पालन करना पड़ता है.
उपच्छाया चंद्र ग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)
जब चंद्र पर पृथ्वी की छाया न पड़कर उपछाया पड़ती है, तो इसे उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. इस ग्रहण में चंद्रमा के आकार पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ता है. चांद की रोशनी में हल्का सा धुंधलापन आ जाता है और चंद्रमा का रंग मटमैला हो जाता है. इसे वास्तविक चंद्रग्रहण नहीं माना जाता. सूतक के नियम भी इसमें लागू नहीं होते हैं.
साल का आखिर चंद्र ग्रहण कैसा होगा
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण है. इसे दक्षिणी/पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, पेसिफिक, अटलांटिक और हिंद महासागर में देखा जा सकेगा. लेकिन भारत में ग्रहण चंद्रोदय के समय से दिखाई देगा इस कारण इसे पूर्ण और आंशिक दोनों तरह से देखा जा सकेगा. पूर्वी भारत के तमाम हिस्सों में चंद्र ग्रहण को पूर्ण रूप से और देश के अन्य हिस्सों में आंशिक रूप से देखा जा सकेगा.