मौत की तरफ धकेल सकता है आलस! WHO की ताजा रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
WHO ने अपनी एक नई रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है, भारत में समेत दुनियाभर में 3 चौथाई लोग खराब लाइफस्टाइल या आलस से होने वाले रोगों से मर रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत समेत दुनिया भर में अब लोग लाइफस्टाइल की बीमारियों यानी हार्ट अटैक, कैंसर और डायबिटीज से मारे जा रहे हैं. इसकी एक बड़ी वजह है कि आलस, इसके चलते लोग बीमार पड़ रहे हैं. WHO के मुताबिक, जो लोग हफ्ते में 150 मिनट की साधारण एक्सरसाइज भी नहीं करते या हफ्ते में 75 मिनट तक जमकर कसरत नहीं करते, उन्हें आलसी माना जाता है. दुनिया भर में होने वाली कुल मौतों में से 74% लाइफस्टाइल वाली बीमारियों से होती हैं. वहीं, भारत में 66% लोग लाइफस्टाइल वाली बीमारियों के शिकार होकर मारे जा रहे हैं.
तीन चौथाई मौतों की वजह आलस
WHO ने बताया कि दुनिया की तीन चौथाई मौतों की वजह लाइफस्टाइल वाली बीमारियां हैं. हर 2 सेकेंड में एक व्यक्ति लाइफ स्टाइल वाली बीमारी से मारा जा रहा है. बता दें कि 70 वर्ष से कम उम्र के 1 करोड़ 70 लाख लोग हर साल नॉन कम्युनिकेबल यानी लाइफस्टाइल वाली बीमारियों से मारे जा रहे हैं यानी हर 2 सेकेंड में एक मौत खराब लाइफस्टाइल से हो रही है. 1 करोड़ 70 लाख मौतों में से 86% लोग मिडिल इंकम देशों के हैं जो इन बीमारियों के शिकार हो रहे हैं. भारत उन देशों में शामिल है.
दुनिया को होगा 30 लाख करोड़ का नुकसान
लाइफस्टाइल वाली चार बीमारियों – दिल की बीमारी, सांस की बीमारी, कैंसर और डायबिटीज की वजह से 2011 से 2030 यानी 20 वर्षों में दुनिया को 30 लाख करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है. WHO के मुताबिक अगर गरीब देश हर वर्ष इन बीमारियों को रोकने के लिए 1 हज़ार 800 करोड़ खर्च कर ले, तो कम मौतें होंगी और कई करोड़ का आर्थिक नुकसान भी बचाया जा सकेगा.
भारत के आंकड़े बेहद खराब
भारत में होने वाली कुल मौतों में से 66% की वजह लाइफ-स्टाइल से होने वाली बीमारियां हैं. भारत में हर साल 60 लाख 46 हज़ार 960 लोग खराब लाइफ स्टाइल से गंभीर बीमारियों के शिकार होकर मारे जा रहे हैं. भारत में इस तरह जान गंवाने वाले 54% लोगों की उम्र 70 वर्ष से कम है.
भारत में हर वर्ष 28% लोग दिल की बीमारी से मारे जा रहे हैं. 12% लोग सांस की बीमारियों से, 10% लोग कैंसर से, 4% लोग डायबिटीज़ से और बाकी 12% दूसरी लाइफस्टाइल वाली बीमारियों से मारे जा रहे हैं.
क्यों बीमार पड़ रहे भारत में लोग
भारत में 15 वर्ष से उपर का एक व्यक्ति औसतन 5.6 लीटर शराब हर साल पी जाता है. औसतन पुरुष 9 लीटर और महिलाएं 2 लीटर शराब पी जाती हैं. 15 वर्ष से उपर के 28% लोग तंबाकू के शिकार हैं.
आलसीपन (Physical Inactivity) भी है कारण
भारत में 18 वर्ष से ऊपर के 34% लोग आलसी हैं और फिजीकल इनएक्टिविटी के शिकार हैं. इससे भी बड़ी बात ये है कि 11 से 17 साल के 74% बच्चे आलसी हैं और जरुरी फिजीकल एक्टिविटी से कोसों दूर हैं. हर वर्ष दुनिया के 8 लाख 30 हज़ार लोग इसलिए मारे जाते हैं क्योंकि वो आलसी हैं और कुछ नहीं करते हैं. लाइफस्टाइल से होने वाली कुल मौतों में से 2 फीसदी लोग इसलिए मारे जा रहे हैं क्योंकि वो आलसी हैं. भारत में 31% लोगों को हाई ब्लड प्रेशर है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक आधे लोगों को ये नहीं पता है कि उन्हें हाईबीपी हो चुका है.
दुनिया भर में किस कारण से होती हैं कितनी मौतें
दिल की बीमारियां
हर तीन में से एक मौत की वजह दिल की बीमारी बनती है. यानि 1 करोड़ 70 लाख लोग हर साल इस बीमारी से मर रहे हैं. दिल की बीमारी के शिकार दो तिहाई लोग गरीब देशों में रहते हैं. हाईबीपी के शिकार आधे लोगों को पता ही नहीं है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है. दुनिया में 30 से 79 वर्ष के 130 करोड़ लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं. और आधे इस बात से अंजान हैं.
कैंसर
हर 6 में से 1 मौत की वजह कैंसर है. दुनिया भर में 90 लाख से ज्यादा लोग कैंसर से मारे जा रहे हैं. इनमें से 44% जानें बचाई जा सकती हैं.
सांस की बीमारियां
दुनिया भर में होने वाली 13 मौतों में से 1 सांस की बीमारियों से हो रही हैं. दुनिया भर में 40 लाख लोग केवल सांस की बीमारी होने की वजह से मर रहे हैं. भारत जैसे कई देशों में इन बीमारियों से होने वाली मौतों के बढ़ने की बड़ी वजह वायु प्रदूषण है. अगर देश केवल पर्यावरण पर काम कर लें तो इनमें से 70% लोग बचाए जा सकते हैं.
डायबिटीज
हर 28 में से एक व्यक्ति की जान डायबिटीज़ ले रही है.
तंबाकू
80 लाख लोगों की जान तंबाकू ले रहा है. इनमें से 10 लाख लोग पैसिव स्मोकिंग से मारे जा रहे हैं. यानी ये 10 लाख लोग किसी दूसरे की सिगरेट के धुंए के शिकार होकर मारे जा रहे हैं.
खराब खान-पान
80 लाख लोग हर साल खराब खाने, कम खाने या ज्यादा खाने की वजह से मारे जा रहे हैं.