भारतीय मूल के रिचर्ड वर्मा की हर तरफ चर्चा हो रही है. कारण है कि उन्‍हें अमेरिका में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. रिचर्ड को अमेरिकी सीनेट ने विदेश विभाग में प्रबंधन व संसाधन मामलों का उपसचिव बनाया है. अमेरिकी सरकार के इस शक्तिशाली पद को विदेश विभाग का CEO भी कहा जाता है. अमेरिकी सीनेट में रिचर्ड के चयन पर हुए मतदान में 67 सदस्यों ने उनके पक्ष में और 26 ने विरोध में मतदान किया.आखिरकार 67-26 मतों के साथ अमेरिकी सीनेट ने रिचर्ड के नाम पर सहमति जताई.

पिछले साल CEO पोस्ट के लिए किया था नामित 

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बता दें कि पिछले साल दिसंबर में 54 साल के रिचर्ड वर्मा को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस टॉप डेप्लोमेटिक पोस्ट के लिए नामित किया था. अपने करियर के शुरुआत में वह संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेटर हैरी रीड (डी-एनवी) के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे और उसी समय वह डेमोक्रेटिक व्हिप, अल्पसंख्यक नेता औ संयुक्त राज्य अमेरिकी सीनेट के मेजॉरिटी के नेता भी थे.

रिचर्ड भारत में अमेरिका के राजदूत भी रहे 

रिचर्ड 16 जनवरी, 2015 से 20 जनवरी, 2017 तक भारत में अमेरिका के राजदूत के रूप में भी काम कर चुके हैं. इसके अलावा पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में रिचर्ड वर्मा ने विधायी मामलों के राज्य के सहायक सचिव के रूप में भी काम किया है. वहीं रिचर्ड वर्मा अमेरिकी वायुसेना के जज एडवोकेट के रूप में सक्रिय ड्यूटी पर भी काम किया है. रिचर्ड वर्मा को राष्ट्रपति के खुफिया सलाहकार बोर्ड में नियुक्त किया गया था और वे सामूहिक विनाश और आतंकवाद आयोग के हथियारों के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं.

कई पदों पर कार्यरत रहे रिचर्ड वर्मा

द एशिया ग्रुप के वाइस चेयरमैन, स्टेप्टो ऐंड जॉनसन एलएलपी में पार्टनर और सीनियर काउंसलर और अलब्राइट स्टोनब्रिज ग्रुप में सीनियर काउंसलर के रूप में रिचर्ड वर्मा ने काम किया है. वहीं रिचर्ड वर्मा अमेरिकी वायुसेना के जज एडवोकेट के रूप में सक्रिय ड्यूटी पर भी काम कर चुके हैं. अपने काम के दौरान रिचर्ड वर्मा ने विदेश विभाग के विशिष्ट सेवा पदक, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस की ओर से इंटरनेशनल अफेयर्स फेलोशिप और संयुक्त राज्य वायु सेना से मेधावी सेवा पदक समेत कई पुरस्कार हासिल किए हैं.

रिपोर्ट- PBNS

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