ISRO GSLV NVS-1 Navic Satellite: इसरो का नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 लॉन्च कर दिया गया है.  इसे जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल यानी GSLV-F12 से अंतरिक्ष में भेजा गया है. ये सैटेलाइट 2016 में लॉन्च की गई IRNSS-1G सैटेलाइट को रिप्लेस करेगी. इसरो ने सुबह 10 बजकर 42 मिनट पर 51.7 मीटर ऊंचे रॉकेट से NVS-01 लॉन्च किया. 

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पहली बार उड़ाई जाएगी स्वदेशी एटॉमिक क्लॉक

नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-01 में पहली बार स्वदेशी एटॉमिक क्लॉक उड़ाई जाएगी. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, रॉकेट जीएसएलवी-एफ12 अपने साथ 2,232 किलोग्राम एनवीएस-01 नेविगेशन उपग्रह को ले जाएगा. रॉकेट उपग्रह को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में पहुंचाएगा, जहां से इसे ऑनबोर्ड मोटर्स को फायर करके आगे ले जाया जाएगा. इसरो ने कहा कि एनवीएस-01 दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है, जिसे नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन सेवाओं के लिए परिकल्पित किया गया है.

नेविगेशन सैटेलाइट की खासियत

नेविगेशन सैटेलाइट की मदद से ही मोबाइल फोन में लोकेशन का पता लग पाता है. इसके अलावा रियल-टाइम जियो पोजिशनिंग के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसका खासतौर पर सिविल एविएशन और मिलिट्री में उपयोग होता है. इसकी मदद से टेरेस्टेरियल, एरियल और मैरीटाइम नेविगेशन का आसानी से पता लगाया जा सकता है.

सात उपग्रहों के नक्षत्र के साथ किया गया डिजाइन

देश में नौवहन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इसरो द्वारा नाविक (NavIC) यानि नेविगेशन विद इंडियन कॉन्सटिलेशन की स्थापना की गई. NavIC को इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (IRNS) के नाम से भी जाना जाता है.  नाविक को सात उपग्रहों के नक्षत्र के साथ डिजाइन किया गया है. इस नक्षत्र के तीन उपग्रह भू- स्थैतिक कक्षा में रहते हैं तथा अन्य चार उपग्रह भू-मध्य रेखा से 29 डिग्री के झुकाव के साथ भू-तुल्य कालिक कक्षा में रखे गए हैं. नाविक दो सेवाएं प्रदान करता है. नागरिक उपयोग कर्ताओं के लिए तथा प्रतिबंधित सेवाओं के लिए.

इन दोनों सेवाओं में L5 और S बैंड का उपयोग किया जाता है. नौवहन के कवरेज में भारत और उसकी सीमाओं से लगे 1500 किलोमीटर के क्षेत्र में यह सुविधाएं प्रदान करने में सक्षम होगा. इसमें नौवहन सिग्नल 20 मीटर के विवेदन क्षमता और 50 नैनो सेकंड से अधिक की समय परिशुद्धता के लिए डिजाइन किया गया है. NVS-01, L1 बैंड पर अपनी अतिरिक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए भी डिजाइन किया गया है. NavIC के अन्य अनुप्रयोगों में भौमिक, आकाशीय तथा समुद्री नौवहन, भू-गणितीय सर्वेक्षण, आपातकालीन सेवाएं, मोबाइल की स्थिति आधारित सेवाएं, उपग्रहों का कक्षा निर्धारण, महत्वपूर्ण स्थानों में सामायिक सेवाएं, इंटरनेट थिंग्स और ऐसे अनेक युक्तीय अनुप्रयोग शामिल हैं. NVS-01 लगभग 2,232 किलोग्राम वजनी है. NVS-01 का मिशन जीवन 12 साल से ज्यादा रहने की उम्मीद है. यह नेविगेशन सैटेलाइट का मिशन दूसरे पीढ़ी के नेविगेशन उपग्रहों की सीरीज का पहला उपग्रह है. वर्ष 2023 में इसरो का ये चौथा मिशन है.