चंद्रयान की सॉफ्ट लैनिंग के बाद अब इसरो LUPEX मिशन की तैयारी में जुट गया है.  ल्यूपेक्स के साथ साथ चंद्रयान-4 भी लिस्ट में शामिल किया गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इन नए मिशन के लिए जापानी स्पेस एजेंसी के साथ हाथ मिलाया है. स्पेस एप्लिकेशन सेंटर अहमदाबाद के निदेशक नीलेश देसाई का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन में भारत 70 डिग्री तक गया था लेकिन अब ल्यूपेक्स मिशन में चंद्रमा के अंधेरे वाले क्षेत्र का निरीक्षण करने के लिए 90 डिग्री तक जाएंगे. इसरो के निदेशक का यह भी कहना है कि चंद्रमा की सतह पर बड़ा रोवर उतारा जाएगा  जिसका वजन 350 किलोग्राम होगा बता दें कि चंद्रयान-3 रोवर का वजन केवल 30 किलोग्राम था. चलिए जान लेते हैं नए मून मिशन्स को लेकर क्या है इसरो की प्लानिंग .

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Chandrayan-4 और  LUPEX की योजना

स्पेस एप्लिकेशन सेंटर अहमदाबाद के निदेशक नीलेश देसाई का कहना है कि  चंद्रयान 3 की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते थे कि हम अब बड़ी चुनौतियों का सामना करें इसलिए चंद्रयान-4 मिशन की योजना बनाई गई है. चंद्रयान 3 की सफलता को लेकर देसाई की कहना था कि चंद्रयान-3 में हम  70 डिग्री तक गए लेकिन LUPEX मिशन में हम चंद्रमा के अंधेरे पक्ष का निरीक्षण करने के लिए 90 डिग्री तक जाएंगे, साथ ही बताया कि वहां एक विशाल रोवर भी उतारा जाएगा.

LUPEX का क्या है उद्देश्य

लुपेक्स मिशन का उद्देश्य है कि चंद्रमा पर अनुकूल ध्रुवीय इलाके की खोज की संभावना का पता लगाया जा सके. साथ ही चंद्रमा की सतह पर मौजूद जल संसाधन की उपलब्धता को लेकर जानकारी हासिल करना है.

नीलेश देसाई का क्या था कहना?

भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के 62वें स्थापना दिवस समारोह में स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (ISRO) अहमदाबाद के निदेशक नीलेश देसाई का कहना था कि चंद्रयान 3 मिशन के बाद अब हम जापानी अंतरिक्ष एजेंसी जाक्सा के सहयोग से संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन ल्यूपेक्स पर काम करने जा रहे हैं और साथ ही चंद्रयान-4 पर भी काम किया जाएगा.