Marcos Commandos: कौन हैं समुद्र के रखवाले मरीन कमांडोज, जिन्होंने सोमालिया में बचाई भारतीयों की जान
Indian Navy Marine Commandos: इंडियन नेवी के मरीन कमांडोज ने सोमालिया में ऑपरेशन के जरिए लाइबेरिया के ध्वज वाले अपहृत वाणिज्यिक जहाज एमवी लीला नॉरफोक में सवार 15 भारतीयों को बचा लिया है. जानिए कौन है मरीन कमांडोज. कैसे करते हैं काम.
Indian Navy Marine Commandos: भारतीय नौसेना के समुद्री कमांडो ‘मार्कोस’ ने उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के ध्वज वाले अपहृत वाणिज्यिक जहाज एमवी लीला नॉरफोक में सवार 15 भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को बचा लिया. इस जहाज को पांच-छह हथियारबंद लोगों ने अपहरण करने की कोशिश की थी. अपहृत करने की कोशिश के बाद मदद के लिए एक युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान, हेलीकॉप्टर और पी-8आई और लंबी दूरी के विमान और प्रीडेटर एमक्यू9बी ड्रोन तैनात किए.
Indian Navy Marine Commandos: पानी में दुश्मनों का मुकाबला करने में माहिर, 1991 में मिला था नाम
समुद्र के रखवाले मार्कोज कमांडो पिछले 15 साल से कई खतरनाक ऑपरेशन को अंजाम दे चुके हैं. इसमें 26/11 मुंबई हमले का ऑपरेशन भी शामिल है. मार्कोज भारतीय नौसेना की खास कमांडो यूनिट है. इस यूनिट में पानी में दुश्मनों से लड़ने और होस्टेज जैसी परिस्थिति को संभालने में महारत हासिल है. इस खास फोर्स का गठन साल 1987 में हुआ था. इस फोर्स का मिशन ऐसे स्पेशल कमांडो को तैयार करना है जो समुद्र में काउंटर टेरररिज्म और एंटी हाइजैक ऑपरेशन चला सकें. 1991 में इन्हें मरीन कमांडोज नाम दिया गया.
Indian Navy Marine Commandos: कड़ी ट्रेनिंग से गुजरते हं कमांडो, हाथ-पांव बांधकर भी तैरने में माहिर
मार्कोज कमांडोज बनना आसान नहीं होता है. इसके लिए कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होता है. इनकी तुलना अमेरिका की खतरनाक नेवी सील कमांडोज से होती है. नेवी सील ने ही अल कायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में एबटाबाद मार गिराया था. मार्कोज कमांडोज की ट्रेनिंग भी अमेरिकन नेवी सील कमांडोज होती है. इसमें ज्यादातर 20 से 22 साल के युवा होते हैं. मार्कोज कमांडोज हाथ और पैर बांधने के बावजूद तैर सकते हैं.
Indian Navy Marine Commandos: इन खतरनाक मिशन को दे चुके हैं अंजाम
मार्कोस ने मुंबई आतंकी हमलों के अलावा कई खतरनाक मिशन को अंजाम दिया है. श्रीलंका में हुए ऑपरेशन पवन का मार्कोज कमांडोज हिस्सा ले चुके हैं. इसके अलावा साल 2014 में कश्मीर में आई खतरनाक बाढ़ के दौरान भी मार्कोज ने लोगों को बचाया था. वहीं, उत्तर अरब सागर में हुए ऑपरेशन की जानकारी देते हुए नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा,‘समुद्री डाकुओं ने वाणिज्यिक जहाज को अपहृत करने की कोशिश संभवतः भारतीय नौसेना के युद्धपोत के पहुंचने और गश्ती विमान की सख्त चेतावनी के बाद छोड़ दी.’