Indian Armed Forces Flag Day 2022: सैनिक देश की वो ढाल होते हैं, जो देश को हर खतरे से बचाते हैं, सैनिक देश का वो गौरव हैं जो हमेशा देश का अभिमान बनके देश की रक्षा और मान बढ़ाते हैं. अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए बहुत से सैनिक अपने प्राणों तक का बलिदान दे देते हैं और देश के दुश्मनों को मुहतोड़ जवाब देने के लिए हमारे वीर सेनानी हमेशा तैयार रहते हैं. उन्हीं की देखभाल को सुनिश्चित करने और उनके प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने के लिए हर साल 7 दिसंबर को भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास और इसका महत्व.

क्यों है खास ये दिन?

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सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश के नाम आपना जीवन करने वाले दिव्यांग पूर्व सैनिकों, युद्ध में वीर गति प्राप्त किए हुए सैनिकों की विधवाओं, शहीदों के परिवार जनों की देखभाल करने के लिए मदद सुनिश्चित करता है और उनके प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सम्मान का प्रतिक है. सशस्त्र सेना झंडा दिवस को मनाने के लिए, भारतीय सशस्त्र बलों की सभी तीन शाखाएं- भारतीय सेना (Indian Army), भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) और भारतीय नौसेना (Indian Navy) आम जनता के लिए विभिन्न प्रकार के शो, कार्निवाल, नाटक और अन्य मनोरंजन के कार्यक्रमों की व्यवस्थता करती हैं. रेलवे स्टेशनों पर, स्कूलों में या अन्य स्थलों पर आज लोग आपको झंडे लिए मिल जाएंगे. आप चाहें तो उनसे झंडा खरीद कर इस नेक काम में अपना योगदान दे सकते हैं. 

 

 

भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास

 

भारत को आज़ादी मिलने के बाद 28 अगस्त 1949 को भारत सरकार ने भारतीय सेना के जवानों के कल्याण के लिए एक समिति का गठन किया था. इस समिति ने 7 दिसंबर को झंडा दिवस मनाने के लिए चुना. जवानों के कल्याण के लिए धन जमा करने के लिए समिति ने लोगों के बीच छोटे झंडे बांटकर, उससे चंदा इकठ्ठा किया. इस झंडे में तीन रंग थे- लाल, गहरा नीला और हल्का नीला. ये रंग तीनों सेनाओं को प्रदर्शित करते हैं. सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर जमा किए गए धन के तीन मुख्य उद्देश्य हैं. पहला युद्ध के समय हुई जनहानि में सहयोग. दूसरा सेना में कार्यरत कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण में सहयोग. तीसरा सेवानिवृत्त कर्मियों और उनके परिवार के कल्याण के लिए.

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