India हटाकर देश को सिर्फ Bharat बनाना इतना आसान नहीं, संविधान में संशोधन तक नहीं है मामला, आगे भी काफी कुछ है
सोशल मीडिया से लेकर हर जगह इस बात की चर्चा है कि अब जल्द ही India हटाकर देश का नाम सिर्फ Bharat कर दिया जाएगा. लेकिन जितना ये सब सुनने में आसान लगता है, उतना आसान होता नहीं है.
G20 डिनर कार्ड पर 'President of Bharat' क्या लिखा गया, देशभर में India बनाम Bharat की बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया से लेकर हर जगह इस बात की चर्चा है कि अब जल्द ही India हटाकर देश का नाम सिर्फ Bharat कर दिया जाएगा. लेकिन जितना ये सब सुनने में आसान लगता है, उतना आसान होता नहीं है. ये एक लंबी प्रक्रिया है. इसके लिए संविधान में तो संशोधन करना ही होगा, साथ ही आगे भी करने को काफी कुछ है. यहां जानिए इसके बारे में
पहले समझिए क्या कहता है संविधान
संविधान के हिसाब से देखा जाए तो हमारे देश के दोनों ही नाम इंडिया और भारत मान्य हैं. भारतीय संविधान के आर्टिकल 1 में लिखा है, ‘इंडिया दैट इज भारत’ यूनियन ऑफ स्टेट्स.' यानी इंडिया ही भारत है जो राज्यों का संघ है. ऐसे में भारत सरकार को गवर्नमेंट ऑफ इंडिया लिखा जाए या गवर्नमेंट ऑफ भारत, दोनों ही पूरी तरह से संवैधानिक हैं. 'President of Bharat' को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर से जब एक इंटरव्यू में एएनआई ने सवाल किया तो उन्होंने भी स्पष्ट रूप से कहा कि 'इंडिया मतलब भारत - यह संविधान में है. मैं हर किसी को अपने संविधान को पढ़ने के लिए आमंत्रित करना चाहूंगा.'
सिर्फ भारत नाम करने के लिए क्या करना होगा
अगर सरकार देश के नाम से इंडिया शब्द को हटाकर इसे सिर्फ भारत करना चाहती है तो इसके लिए उसे संविधान संशोधन के लिए बिल लाना होगा. अनुच्छेद-1 में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार को कम से कम दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी. लोकसभा में इस समय 539 सांसद हैं. ऐसे में संसोधन बिल को पास करने के लिए 356 सांसदों का समर्थन जरूरी है, वहीं राज्यसभा में 238 सांसद हैं, तो 157 सदस्यों का समर्थन चाहिए होगा.
सिर्फ संशोधन पर ही नहीं रुकेगी बात
बिल अगर लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में पास हो गया तो नाम का संशोधन तो हो जाएगा, लेकिन काम यहां पर खत्म नहीं होगा. इसके बाद भारत को उन सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों को सूचित करना होगा, जहां हमारे देश का नाम India लिखा जाता रहा है. उन सभी को पत्र जारी करके ये बताना होगा कि अब इंडिया के नाम को बदल दिया गया है. अब इसे आधिकारिक रूप से भारत के नाम से संबोधित किया जाए. लेटर मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम को बदला जाएगा और तब देश को 'भारत' के तौर पर अंतरराष्ट्रीय रूप से मान्यता मिलेगी.
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