अमरता पाने के लिए युगों-युगों से संघर्ष चल रहा है. अगर आप शास्‍त्रों को पढ़ेंगे तो ऐसी तमाम कहानियां मिलेंगी, जिसमें अमरता पाने के लिए हजारों साल की तपस्‍या की गई, लेकिन फिर भी इंसान अमर नहीं हो सका. माना जाता है कि जो व्‍यक्ति संसार में आया है, उसे एक दिन निश्चित रूप से जाना ही है. ऐसे में अगर कोई आपसे कहे कि आज का इंसान कुछ सालों में अमर हो जाएगा, तो क्‍या आप यकीन करेंगे? शायद नहीं कर पाएंगे.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

लेकिन इस बार इंसान के अमर होने की भविष्‍यवाणी एक ऐसे वैज्ञानिक ने की है, जिनकी अब तक ज्‍यादातर भविष्‍यवाणियां सच साबित हुई हैं. हम बात कर रहे हैं गूगल के पूर्व वैज्ञानिक रे कुर्ज़वील (Ray Kurzweil) की. दुनिया में एक भविष्यवादी और कंप्यूटर वैज्ञानिक के तौर पर मशहूर वैज्ञानिक रे कुर्ज़वील की 147 भविष्यवाणियों में से 85 प्रतिशत से अधिक भविष्‍यवाणियां सही साबित हुई हैं.

2030 तक अमर हो जाएगा इंसान

कुर्ज़वील ने टेक व्लॉगर एडैगियो द्वारा पोस्ट किए गए यूट्यूब वीडियो में इंसान के अमर होने का दावा किया है. उन्होंने जेनेटिक्स, नैनो टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और अन्य क्षेत्रों पर विस्‍तार से चर्चा की और कहा कि नैनोरोबोट की मदद से साल 2030 तक इंसान अमर हो जाएगा. इससे पहले कुर्ज़वील 2005 में लिखी गई अपनी एक किताब 'द सिंग्युलैरिटी इज़ नियर' में भी मानव द्वारा अमरता प्राप्त करने का दावा कर चुके हैं.

शरीर में दौड़ेंगे नैनोबोट्स

वीडियो में कुर्ज़वील ने कहा कि इंसान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में महारत हासिल करने के कगार पर हैं, और जब यह पूरी तरह से हासिल हो जाएगा, तो लोगों को अपने भौतिक शरीर में रहने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी. वैज्ञानिक ने कहा जेनेटिक्स, रोबोटिक्स और नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से जल्द ही हमारी नसों में नैनोबोट्स (Nanobots) दौड़ेंगे. नैनोबोट्स छोटे रोबोट हैं, जो 50-100 एनएम चौड़े हैं. ये नैनोरोबोट उम्र बढ़ने और बीमारी को दूर करने में मदद करेंगे और सेल्‍यूलर स्तर पर मानव शरीर का इलाज करेंगे.

पहले भी कर चुके हैं सटीक भविष्‍यवाणियां

वैज्ञानिक की इस भविष्‍यवाणी को इसलिए भी गंभीरता से लिया जा रहा है क्‍योंकि इससे पहले भी उनकी की गई तमाम भविष्‍यवाणियां सटीक साबित हुई हैं. 75 वर्षीय वैज्ञानिक ने साल 1990 में भविष्यवाणी की थी कि दुनिया का सबसे अच्छा शतरंज खिलाड़ी साल 2000 तक एक कंप्यूटर से हार जाएगा. ये भविष्‍यवाणी 1997 में सच साबित हुई थी जब क्रोएशिया के गैरी कास्परोव कंप्यूटर डीप ब्लू से हार गए थे. उन्‍होंने ये भविष्यवाणी भी की थी कि 2010 तक, दुनिया के अधिकांश हिस्सों में हाई-बैंडविड्थ वायरलेस इंटरनेट की पहुंच होगी. अब एक बार फिर से वैज्ञानिक ने अमरता को मुट्ठी में कर लेने वाली भविष्‍यवाणी करके लोगों को हैरान कर दिया है.