टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा ने बुधवार रात साढ़े 11 बजे दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 86 वर्ष के थे.  इसी के साथ उद्योग जगत के एक युग का अंत हो गया है. रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा मोटर्स ने देश की पहली लखटकिया कार नैनो लॉन्च की थी. नैनो का आइडिया रतन टाटा को एक परिवार को बारिश में भीगते हुए देखकर आया था. टाटा नैनो के लिए तत्कालीन सीएम और अब पीएम मोदी ने रतन टाटा की खास मदद की थी. 

बारिश में भीग रहा था परिवार, दिमाग में आया नैनो का आइडिया 

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रतन टाटा मुंबई की तेज बारिश में ड्राइव कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि मुंबई की तेज बारिश में एक परिवार के चार लोग बाइक में जा रहे हैं. ये परिवार बारिश में भीग रहा था. रतन टाटा ने इसे देखकर मध्य वर्ग के लिए सस्ती कार बनाने का फैसला किया. रतन टाटा ने अपने कंपनी के इंजीनियर्स को बुलाया और एक लाख रुपए में कार तैयार के लिए कहा गया. साल 2008 में रतन ने मिडिल क्लास के लिए टाटा नैनो लॉन्च की थी. देश के इतिहास की ये सबसे सस्ती कार थी. हालांकि, साल 2020 में इस कार का प्रोडक्शन बंद हो गया है.

पश्चिम बंगाल में हुआ था विरोध

रतन टाटा पश्चिम बंगाल के सिंगूर में टाटा नैनो का प्लांट लगाने वाले थे. हालांकि, भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर स्थानीय लोगों ने इस प्रोजेक्ट का भारी विरोध किया था. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ खुलकर विरोध का समर्थन किया था. उस वक्त प्रदेश में वाम दल की सरकार थी और ममता बनर्जी विपक्ष में थी. किसानों के साथ मिलकर ममता बनर्जी ने खेत बचाओं आंदोलन शुरू किया. विरोध के बाद टाटा ने इस प्रोजेक्ट को पश्चिम बंगाल से बाहर कर दिया.     

रतन टाटा ने जब पश्चिम बंगाल से टाटा नैनो प्रोजेक्ट बाहर ले जाने का फैसला किया, तब पीएम मोदी ने उन्हें मैसेज किया. पीएम नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के सीएम थे. नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा को मैसेज किया- 'सुस्वागतम'. सात अक्टूबर 2008 को रतन टाटा ने टाटा नैनो के प्लांट को गुजरात के साणंद में शिफ्ट करने का ऐलान किया.