सोना हर किसी को अच्‍छा लगता है. लेकिन जरूरत से कम सोना और जरूरत से ज्‍यादा सोना, दोनों ही काफी नुकसानदायक हो जाते हैं. इसका सीधा असर उनकी फिजिकल हेल्‍थ पर तो पड़ता ही है, साथ ही पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ भी इससे डिस्‍टर्ब होती है. हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स की मानें तो नवजात से लेकर बुजुर्ग तक, उम्र के हिसाब से नींद लेने के पैरामीटर सेट किए गए हैं. अगर उन्‍हें अपनी लाइफ में अप्‍लाई कर लिया जाए तो आप काफी सेहतमंद रह सकते हैं.

पहले समझें अच्‍छी नींद के फायदे

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अच्‍छी नींद आपकी मेंटल हेल्‍थ को दुरुस्‍त रखती है. नींद पूरी न होने के कारण तनाव, सिर दर्द, माइग्रेन, भूलने की समस्‍या जैसी कई परेशानियां तंग करती हैं. ज्‍यादा तनाव थायरॉयड, हॉर्मोनल समस्‍याओं का रिस्‍क भी बढ़ाता है. अच्‍छी नींद लेकर आप इन समस्‍याओं को भी कंट्रोल कर सकते हैं.

अगर आप रोजाना अच्‍छी नींद लेते हैं तो ये आपके दिल की सेहत के लिए काफी अच्‍छा होता है. इससे आपका तनाव कम होता है और दिल की बीमारी का जोखिम भी कम होता है.

कम नींद लेने से हमारा मेटाबॉलिज्‍म प्रभावित होता है, जिसके कारण मोटापा बढ़ता है. मोटापा कई बीमारियों की जड़ माना जाता है. इसके कारण डायबिटीज टाइप-2, हाई बीपी वगैरह रिस्‍क बढ़ता है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि अच्‍छी नींद लेकर हम मोटापा और इसके कारण होने वाली तमाम समस्‍याओं का जोखिम कम कर सकते हैं.

जब आप नींद पूरी करते हैं तो बेहतर तरीके से अपने काम कर पाते हैं. ठीक से खा पाते हैं, इससे आपके शरीर में न्‍यूट्रीशंस पहुंचते हैं और आपका इम्‍यून सिस्‍टम बेहतर होता है. इम्‍यून सिस्‍टम मजबूत होता है तो आप जल्‍दी-जल्‍दी बीमार नहीं पड़ते.

उम्र के हिसाब से कितना सोएं

इस मामले में नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा का कहना है सामान्‍य तौर पर एक व्‍यक्ति को 7 से 9 घंटे की नींद लेने के लिए कहा जाता है. लेकिन उम्र के हिसाब से नींद की जरूरत भी घटती बढ़ती रहती है. यहां जानिए इसके बारे में-

0-3 महीने तक के नवजात : 14-17 घंटे

4-7 महीने के बच्‍चे : 12-15 घंटे

1-2 साल तक के बच्‍चे : 11-14 घंटे

3-5 साल तक के बच्‍चे: 10-13 घंटे

6-13 साल तक के बच्‍चे : 9-11 घंटे

14-17 साल तक के लोग: 8-10 घंटे

18-25 साल तक के लोग : 7-9 घंटे

26-64 तक की उम्र के लोग : 7-9 घंटे

65 और इससे अधिक उम्र के लोग : 7-8 घंटे