हर साल फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा तिथि (Phalguna Month Purnima Tithi) को होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इस दिन लक्ष्‍मी जयंती (Lakshmi Jayanti) भी होती है. कहा जाता है कि फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा तिथि को ही माता लक्ष्‍मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थीं. इस कारण आज 7 मार्च को होलिका दहन के पहले माता लक्ष्‍मी का विशेष पूजन किया जाना चाहिए. माता लक्ष्‍मी धन और वैभव देने वाली हैं. कहा जाता है कि इस दिन अगर माता लक्ष्‍मी की पूजा की जाए तो घर से दरिद्रता दूर होती है और परिवार में सुख समृद्धि आती है. यहां जानिए मां लक्ष्‍मी के पूजन के तरीके, पैसों की किल्‍लत दूर करने वाले उपाय (Upay for Money) और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurat).

इस तरह करें माता लक्ष्‍मी का पूजन

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सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर माता लक्ष्मी की नारायण के साथ वाली तस्वीर इस तरह रखें कि पूजा के दौरान आपका मुंह पूर्व दिशा की ओर हो. इसके बाद माता को जल, सिंदूर, अक्षत, लाल पुष्प, वस्त्र, दक्षिणा, धूप-दीप, इत्र और खीर का प्रसाद अर्पित करें. इसके बाद लक्ष्मी चालीसा, श्रीसूक्‍त या कनकधारा स्‍तोत्र का पाठ करें. माता लक्ष्‍मी के मंत्र का जाप करें. इसके बाद आरती करके प्रसाद वितरित करें.

दरिद्रता दूर करने के लिए करें ये 5 काम

1. दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर माता लक्ष्‍मी और नारायण का अभिषेक करें. माता लक्ष्‍मी और नारायण दोनों को ही शंख अतिप्रिय है. माना जाता है कि शंख माता लक्ष्मी का भाई है क्योंकि उसकी भी उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान ही हुई थी.

2. लक्ष्मी पूजन के बाद घर के ईशानकोण में गाय के घी का दीपक जलाएं और उसमें कलावे से बनी बत्ती लगाएं और थोड़ा सा केसर डालें.

3. पूजा करने और दीपक वगैरह जलाने के बाद पांच या सात कुंवारी कन्याओं को माता के प्रसाद की खीर प्रेमपूर्वक खिलाएं और उन्हें दक्षिणा और सामर्थ्य अनुसार वस्त्र आदि दान करें. इससे माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं.

4. पूजा के समय कौड़ी, केसर, हल्दी की गांठ और चांदी के सिक्के को साथ रखकर पूजा करें. इसके बाद एक पीले वस्त्र में इसे बांधकर उस स्थान पर रख दें जहां धन रखा जाता है. इससे कुछ ही समय में आपको धन लाभ होने लगेगा. 

5. इस दिन दान का भी विशेष महत्‍व होता है. पूर्णिमा होने के कारण दान का महत्‍व कहीं ज्‍यादा बढ़ जाता है. पूजा के बाद संभव हो तो जरूरतमंदों को कुछ दान करें. इससे भी माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं.

होलिका दहन शुभ मुहूर्त भी जानें

माता लक्ष्‍मी का पूजन सुबह किया जाएगा, इसके बाद शाम को होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 7 मार्च 2023 को शाम 6:24 मिनट से रात 8:51 मिनट  (Holika Dahan Shubh Muhurat) तक है. इसके बाद 8 मार्च को रंगों की होली (Holi of Colours) खेली जाएगी.