Holika Dahan के बिना रंगों की होली नहीं खेली जाती. होलिका दहन हर साल फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है. इसे बुराई पर अच्‍छाई का प्रतीक माना जाता है क्‍योंकि इसी दिन नारायण के भक्‍त प्रहलाद को जलाने के उद्देश्‍य के साथ अग्नि में बैठी होलिका खुद जलकर भस्‍म हो गई थी, जबकि उसके पास आग से न जलने का वरदान था. आज 7 मार्च को फाल्‍गुन मास की पूर्णिमा तिथि है. इसलिए आज शाम को प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाएगा. ऐसे में आपको ये जानना बहुत जरूरी है कि किन लोगों को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए. यहां ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानिए इसके बारे में.

नवविवाहिताएं न देखें होलिका दहन

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नवविवाहिताएं जिनकी ये पहली होली है, उन्‍हें होलिका दहन नहीं देखना चाहिए और न ही होलिका की पूजा करनी चाहिए. मान्‍यता है कि इससे उनके वैवाहिक जीवन पर असर पड़ता है, साथ ही पारिवारिक मतभेद पैदा होते हैं.

गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को भी होलिका दहन देखने के लिए मना किया जाता है. होलिका दहन के दौरान कई तरह के उपाय और टोटके भी किए जाते हैं. ऐसे में होने वाले बच्‍चे पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाएं इस बात का खुद ही खयाल रखें.

नन्‍हें शिशु को न दिखाएं

अगर आप नवजात शिशु की मां हैं, तो अपने बच्‍चे को होलिका की अग्नि से एकदम दूर रखें. उसे लेकर न तो होलिका पूजन करें और न ही होलिका दहन करें और देखें. होलिका दहन के दौरान मौजूद नकारात्‍मक शक्तियां आपके बच्‍चे को नुकसान पहुंचा सकती हैं. 

जिनकी इकलौती संतान हो

जिन लोगों की इकलौती संतान हो, उन्‍हें कभी भी होलिका की अग्नि को प्रज्‍जवलित नहीं करना चाहिए. ऐसा करना शास्‍त्रों में वर्जित बताया गया है. हालांकि होलिका पूजन और परिक्रमा आदि करने में मनाही नहीं है.

आज शाम होलिका दहन शुभ मुहूर्त

आज शाम को होलिका दहन के लिए कुल 2 घंटे 27 मिनट का समय मिलेगा. होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त 7 मार्च 2023 को शाम 6:24 मिनट से रात 8:51 मिनट  (Holika Dahan Shubh Muhurat) तक है. इसके बाद 8 मार्च को रंगों की होली (Holi of Colours) खेली जाएगी.

 

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