चीन में हाहाकार मचा रहा HMPV अब भारत में भी दस्‍तक दे चुका है. इसको लेकर भारत सरकार अलर्ट मोड पर है और लोगों को जागरुक करने के लिए पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुकी है. वहीं राज्‍य सरकारें भी अपने-अपने लेवल पर सतर्कता बरत रही हैं. देश की छत्‍तीसगढ़ सरकार ने इस वायरस को लेकर लोगों को आगाह किया है कि वे इससे पैनिक न हों, बस सतर्क रहें.

ये बोले स्‍वास्थ्‍य मंत्री

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राज्‍य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि एचएमपीवी वायरस से घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उससे सतर्क रहने की जरूरत है. इसको लेकर लोगों को आगाह किया गया है और उनके लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं. उन्होंने आगे कहा, एचएमपीवी वायरस के संबंध में हमने उप स्वास्थ्य केंद्र, मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ ही वायरस से संबंधित बीमारियों के लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में भी बताया गया है. अगर इस बीमारी से जुड़ा लक्षण किसी में मिलता है तो इसकी जांच एम्स में की जाएगी.

स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है सरकार

इसके अलावा वायरस के फैलने की स्थिति में जांच केंद्र को मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला अस्पताल में तैयार कराया जाएगा. किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार की पूरी तैयारी है. बता दें कि भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में वृद्धि के बीच केंद्र ने बीते मंगलवार को राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी की समीक्षा करने को कहा था.

6 दिसंबर को भारत में आया था पहला मामला

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने वर्चुअल मोड में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा, राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) निगरानी को मजबूत करना चाहिए और इसकी समीक्षा करनी चाहिए. सोमवार (6 दिसंबर) को देश में इस संक्रामक रोग का पहला मामला सामने आया था. उसके बाद तमाम राज्यों ने इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं.

इन राज्‍यों में मिल चुके हैं मामले

बता दें कि चीन से शुरू हुआ एचएमपीवी वायरस का कहर अब भारत तक पहुंच चुका है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल के अलावा तमिलनाडु में इस वायरस से जुड़े मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी कर दी है. केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया कि हमें समय-समय पर इस संबंध में अपडेट देते रहना चाहिए.