नवरात्रि के नौ दिन मातारानी के भक्‍तों के लिए बहुत खास होते हैं.  माना जाता है कि इन दिनों में मातारानी की श्रद्धापूर्वक उपासना और पूजा करने से वे अत्‍यंत प्रसन्‍न होती हैं और भक्‍तों की कामना को पूरा करती हैं. 26 सितंबर को नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है. मां के भक्‍त नवरात्रि के दौरान उन्‍हें प्रसन्‍न करने की हर संभव कोशिश करते हैं. इस बीच घरों में घरों में घटस्थापना और अखंड ज्योति जलाई जाती है. इसके अलावा विशेष पूजा-पाठ होता है. मंदिरों में भक्‍तों की भारी भीड़ उमड़ती है. 

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नवरात्रि के दिनों को बहुत शुभ माना जाता है. इस बीच कोई भी मांगलिक काम बिना सोचे समझे किया जा सकता है. लेकिन इन शुभ दिनों में कुछ नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है. ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानिए कि इन नौ दिनों में कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से नहीं.

 

ये काम जरूर करें

  • अगर आप घर पर घट स्थापना करते हैं, तो नियमित रूप से नियमों का पालन करें और नौ दिनों तक माता की पूजा के समय कलश पूजन जरूर करें. रोजाना कलश पूजन के बाद ही नियमित पूजन शुरू करें.
  • मातारानी को लाल रंग अति प्रिय है. ऐसे में उन्‍हें लाल पुष्‍प नियमित तौर पर चढ़ाएं. महिलाएं नवरात्रि में किसी भी दिन माता रानी को लाल रंग का लहंगा, चुनरी या साड़ी और सुहाग का सामान अर्पित करें. इससे उनका वैवाहिक जीवन सुखद होता है.
  • संभव हो तो मातारानी का नौ दिनों तक व्रत रखें, न रह पाएं तो पहले और आखिरी दिन व्रत रख सकते हैं. ये भी संभव न हो, तो कम से कम मां का नौ दिनों तक विशेष पूजन करें. दुर्गा सप्‍तशती, चालीसा, मंत्रों आदि का जाप करें.

ये काम बिल्‍कुल न करें

  • यदि घर में घट स्थापना की है या अखंड दीपक जलाया है तो घर को अकेला छोड़कर कहीं शहर से बाहर न जाएं. चाहे परिस्थिति कोई भी आ जाए. इसे शुभ नहीं माना जाता.
  • व्रत नहीं रखा है, तो भी घर में प्‍याज-लहसुन का इस्‍तेमाल इन नौ दिनों के दौरान न करें. इसके अलावा मांस, मदिरा वगैरह से पूरी तरह से परहेज करें. इन नौ दिनों में सात्विक जीवन जीना भी एक तरह की साधना ही है.
  • इन नौ दिनों में खासतौर पर दिन में न सोएं. कुछ समय की झपकी लेकर फ्रेश हो सकते हैं, लेकिन घंटों न सोएं. ब्रह्मचर्य का पालन करें.
  • किसी की बुराई, चुगली न करें. बाल और दाढ़ी बनाने से परहेज करें. भूल से भी किसी का दिल न दुखाएं. अगर आपसे अनजाने में कोई गलती हुई है तो क्षमा याचना कर लें.