Happy Chaiti Chhath Puja 2023: नहाय-खाय के साथ सूर्य उपासना का महापर्व छठ शुरू, पढ़ें त्योहार से जुड़ी खास बातें
चार दिवसीय चैती छठ महापर्व की शुरुआत शनिवार यानी आज 25 मार्च से हो चुकी है. चैती छठ महापर्व के पहले दिन व्रती महिलाएं अहले सुबह नदियों, तालाबों और घरों में स्नान करती है और भगवान सूर्य को अर्घ देती है.
Chaiti Chhath 2023: आज 25 मार्च को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सूर्य उपासना का महापर्व चैती छठ प्रारंभ हुआ है. चैती छठ महापर्व के पहले दिन व्रती महिलाएं अहले सुबह नदियों, तालाबों और घरों में स्नान करती है और भगवान सूर्य को अर्घ देती है. आज चैती छठ का पहला दिन नहाय खाय है. आइए जानते हैं चैती छठ के सूर्य अर्घ्य समय और बनने वाले शुभ योगों में बारे में.
छठ पूजा का महत्व
छठ का पर्व प्रकृति को समर्पित है. छठ पूजा में डूबते सूर्य की उपासना की जाती है. मान्यता है कि छठी मईया की पूजा करने से संतान को दीर्घायु की प्राप्ति होती है. इसके साथ संतान सुख के लिए भी छठ का व्रत रखा जाता है. हिंदू धर्म में छठ पूजा का महत्व काफी अधिक है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी से शुरू होने वाले इस व्रत को छठ पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है.
चैती छठ 2023 की महत्वपूर्ण तिथियां 25 मार्च, शनिवार: नहाय खाय 26 मार्च, रविवार: खरना 27 मार्च, सोमवार: डूबते सूर्य को अर्घ्य, समय: शाम 06:36 बजे 28 मार्च, मंगलवार: उगते हुए सूर्य को अर्घ्य, पारण के साथ व्रत का समापन, समय: सुबह 06:16 बजेआज पहले दिन: आज 25 मार्च को नहाय खाय के दिन रवि योग बना है. यह आज सुबह 06 बजकर 20 मिनट से दोपहर 01 बजकर 19 मिनट तक है. आज गंगा स्नान करने के बाद ही छठ व्रती घर जाकर प्रसाद बनाना शुरू करेंगे. कई जगहों पर गंगाजल ले जाकर गंगाजल में ही छठ का प्रसाद बनाया जाता है.
दूसरा दिन: चैती छठ के दूसरे दिन 26 मार्च को खरना है. इस दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग और रवि योग बने हैं. प्रीति योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 33 मिनट तक है, उसके बाद से आयुष्मान योग प्रारंभ होगा. इस दिन रवि योग दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से है, जो अगले दिन प्रात: 06 बजकर 18 मिनट तक है. तीसरा दिन: चैती छठ के तीसरे दिन 27 मार्च को व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे. इस दिन 5 शुभ योग बने हैं. आयुष्मान योग प्रात:काल से लेकर रात 11 बजकर 20 मिनट तक है, उसके बाद से सौभाग्य योग प्रारंभ हो जाएगा. रवि योग प्रात: 06 बजकर 18 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन और अमृत सिद्धि योग दोपहर 03 बजकर 27 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 16 मिनट तक है. चौथा दिन: चैती छठ के चौथे दिन 28 मार्च को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा और पारण करके व्रत को पूरा करेंगे. इस दिन दो शुभ योग सौभाग्य और द्विपुष्कर योग बने हैं. यह रात 11 बजकर 36 मिनट तक है और द्विपुष्कर योग प्रात: 06 बजकर 16 मिनट से शाम 05 बजकर 32 मिनट तक है. चैती छठ 2023 सूर्य अर्घ्य का शुभ समय चैती छठ महापर्व में 27 मार्च को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, इस दिन सूर्य पूजा का समय शाम 06 बजकर 36 मिनट पर है. 28 मार्च को चैती छठ का समापन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होगा. इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 06 बजकर 16 मिनट पर है.