Hanuman Jayanti: राम भक्त हनुमान जल्द प्रसन्न होने वाले भगवान माने जाते हैं. हम हनुमान जी की कृपा पाने के लिए मंदिर जाकर उनकी पूजा बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ करते हैं. ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी की स्तुति करने से अड़चनें, भूत प्रेत, जादू टोने ऊपरी हवा, नजर गुजर की व्यथा हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाती है. तो आइए हम बताते हैं आपको हनुमानजी के वह 12 नाम, जिन्हें रोजाना पढने व सुनने से आपकी सारी परेशानी दूर हो सकती है. जो रात में सोने से पहले व सुबह उठने पर अथवा यात्रा प्रारंभ करने से पहले पाठ करता है, उसके सभी प्रकार के भय दूर हो जाते हैं और उसे अपने जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं वह अपने जीवन में अनेकप्रकारकी उपलब्धियां प्राप्त करता है. इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं श्री गुरु ज्योतिष शोध संस्थान के अध्यक्ष प्रसिद्ध (ज्योतिषाचार्य) गुरूदेव पंडित ह्रदय रंजन शर्मा.

हनुमानजी की 12 नामों वाली स्तुति इस

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हनुमानअंजनीसूनुर्वायुपुत्रो महाबल:

रामेष्ट: फाल्गुनसख: पिंगाक्षोअमितविक्रम:..

उदधिक्रमणश्चेव सीताशोकविनाशन:.

लक्ष्मणप्राणदाता च दशग्रीवस्य दर्पहा..

एवं द्वादश नामानि कपीन्द्रस्य महात्मन:.

स्वापकाले प्रबोधे च यात्राकाले च य: पठेत्..

तस्य सर्वभयं नास्ति रणे च विजयी भवेत्.

राजद्वारे गह्वरे च भयं नास्ति कदाचन.. 

इन 12 नामो से होती है हनुमानजी की स्तुति

1. हनुमान

हनुमान जी का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि एक बार कोधित होकर देवराज इंद्र ने इनके ऊपर अपने वज्र प्रहार किया था. यह वज्र सीधे हनुमान जी की ठोड़ी (हनु) पर लगा. हनु पर वज्र का प्रहार होने के कारण ही इनका नाम हनुमान पड़ा.

2. लक्ष्मणप्राणदाता

जब रावण के पुत्र इंद्रजीत ने शक्ति का उपयोग कर लक्ष्मण को बेहोश कर दिया था, तब हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए थे. उसी बूटी के प्रभाव से  लक्ष्मण को होश आया था. इन्हें हनुमानजी को लक्ष्मणप्राणदाता भी कहा जाता है.

3. दशग्रीवदर्पहा

दशग्रीव यानी रावण और दर्पहा यानी धमंड तोड़ने वाला हनुमानजी ने लंका जाकर सीता माता का पता लगाया, रावण के पुत्र अक्षयकुमार का वध किया साथ ही लंका में आग भी लगा दी. इस प्रकार हनुमानजी ने कई बार रावण का घमंड तोड़ा था. इसलिए इनका एक नाम ये भी प्रसिद्ध है.

4. रामेष्ट

हनुमान भगवान श्रीराम के परम सेवक भक्त हैं. धर्म ग्रंथों में अनेक स्थानों पर वर्णन मिलता है कि श्रीराम ने हनुमान को अपना प्रिय माना है. भगवान श्रीराम को प्रिय होने के कारण ही इनका एक नाम रामेष्ट भी है.

5. फाल्गुनसखा

महाभारत के अनुसार, पांण्डू पुत्र अर्जुन का एक नाम फाल्गुन भी है. युद्ध के समय हनुमानजी अर्जुन के रथ की ध्वजा पर विराजित थे. इस प्रकार उन्होंने अर्जुन की सहायता कीइस सहायता करने के कारण ही उन्हें अर्जुन का मित्र कहा गया है. फाल्गुन सखा का अर्थ है- अर्जुन का मित्र.

6 पिंगाक्ष

पिंगाक्ष का अर्थ है भूरी आंखों वाला अनेक धर्म ग्रंथों में हनुमानजी का वर्णन किया गया है. उसमें हनुमानजी को भूरी आंखों वाला बताया है इसलिए इनका एक नाम पिंगाक्ष भी है.

7. अमितविक्रम

विक्रम का अर्थ है पराक्रमी और अमित का अर्थ है बहुत अधिक हनुमानजी ने अपने पराक्रम के बल पर ऐसे बहुत से कार्य किए, जिन्हें करना देवताओं के लिए भी कठिन था इसलिए इन्हें अमितविक्रम भी कहा जाता हैं.

8. उदधिक्रमण

उदधिक्रमण का अर्थ है समुद्र का अतिक्रमण करने वाले यानी लांधनेवालाव्यक्तिअर्थात सीतामाता की खोज करते समय हनुमानजी ने समुद्र को लांधा था. इसलिए इनका एक नाम ये भी है.

9. अंजनीसुत

माता अंजनी के पुत्र होने के कारण ही हनुमानजी का एक नाम अंजनीसुत भी प्रसिद्ध है.

10. वायुपुत्र

हनुमानजी का एक नाम वायुपुत्र भी है. पवनदेव केमानस पुत्र होने के कारण ही इन्हें वायुपुत्र भी कहा जाता है.

11. महाबल

हनुमानजी के बल की कोई सीमा नहीं हैं . इसलिए इनका एक नाम महाबल भी है.

12. सीताशोकविनाशन

माता सीता के शोक का निवारण करने के कारण हनुमानजी का ये नाम पड़ा.

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