Hanuman Jayanti 2023: आज भी सशरीर मौजूद हैं हनुमान बाबा, जानें कहां है उनका निवास स्थान
कलयुग के 7 चिरंजीवी में से एक हनुमान बाबा हैं और वे आज भी संसार में मौजूद हैं. त्रेतायुग में जब वे श्रीराम का संदेश लेकर माता सीता के पास पहुंचे थे, तब मां सीता ने उन्हें अमर होने का यह वर दिया था.
चैत्र मास की पूर्णिमा (Chaitra Purnima) तिथि को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. इस साल हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) को आज 6 अप्रैल को मनाया जा रहा है. हनुमान जी को कलयुग का साक्षात देवता कहा जाता है. मान्यता है कि कलयुग के 7 चिरंजीवी में से एक हनुमान बाबा हैं और वे आज भी संसार में मौजूद हैं. त्रेतायुग में जब वे श्रीराम का संदेश लेकर माता सीता के पास पहुंचे थे, तब मां सीता ने उन्हें अमर होने का यह वर दिया था. लेकिन अगर हनुमान बाबा संसार में सशरीर मौजूद हैं, तो आखिर वो रहते कहां हैं? आइए आपको बताते हैं-
ये है हनुमान बाबा का निवास स्थान
गंधमादन पर्वत को हनुमान जी का निवास स्थान बताया जाता है. गंधमादन पर्वत हिमालय के कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर है. सुमेरू पर्वत की चारों दिशाओं में गजदंत पर्वतों में से एक को उस काल में गंधमादन पर्वत कहा जाता था. आज ये क्षेत्र तिब्बत के इलाके में आता है. तमाम कथाओं में हनुमान बाबा के गंधमादन पर्वत में निवास करने का जिक्र किया गया है.
इसको लेकर एक कथा भी प्रचलित है. कहा जाता है कि जब अपने अज्ञातवास के दौरान पांडव हिमवंत पार कर गंधमादन के पास पहुंचे थे, तब भीम सहस्त्रदल कमल लेने गंधमादन पर्वत के जंगलों में गए थे, तब यहां उन्हें हनुमान जी मिले थे और हनुमान जी ने उनका घमंड यहीं पर तोड़ा था. इसके बाद उन्होंने भीम को अपना विराट रूप दिखाया था. कहते हैं कि इसी पर्वत पर एक मंदिर भी है, जिसमें हनुमान जी की मूर्ति और उनके आराध्य श्री राम और माता सीता की मूर्ति मौजूद है.
गंधमादन पर्वत तक पहुंचने के तीन रास्ते
कहा जाता है कि इसी पर्वत पर महर्षि कश्यप ने तपस्या की थी. इस पर्वत पर गंधर्व, किन्नरों, अप्सराओं और सिद्ध ऋषियों का भी निवास है. गंधमादन पर्वत तक पहुंचने के तीन रास्ते बताए जाते हैं. पहला नेपाल के रास्ते मानसरोवर से आगे और दूसरा भूटान की पहाड़ियों से आगे और तीसरा अरुणाचल के रास्ते चीन होते हुए.
इस पर्वत के शिखर पर किसी वाहन से पहुंचना असंभव माना जाता है.
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