Hanging Train: पटरियों पर नहीं, हवा में उल्टी लटककर चलती है ये ट्रेन, हर दिन हजारों लोग करते हैं सफर
हवा में उल्टी लटककर चलने वाली ट्रेन की बात सुनकर भले ही आपका दिमाग चकरा जाए, लेकिन ये सच है. Wuppertal Suspension Railway के अंतर्गत जर्मनी में इन ट्रेनों का संचालन होता है. जानिए कैसे चलती है ये ट्रेन और कैसे लोग इसमें सफर करते हैं?
पटरियों पर तेजी से दौड़ते हुए ट्रेन को आपने कई बार देखा होगा. कई सुपरफास्ट ट्रेनों में सफर भी किया होगा. लेकिन अगर कोई आपसे कहे कि क्या आपने हवा में उल्टी चलती हुई ट्रेन देखी है? ये सोचकर ही आपका दिमाग चकरा जाएगा क्योंकि हर कोई यही सोचेगा कि भला ये कैसे संभव है! लेकिन ये सच है. अगर आपको ये नजारा देखना हो तो आप जर्मनी घूमने चले जाइए. यहां आपको हवा में उल्टी लटकती हुई ट्रेन सचमुच में देखने को मिल जाएगी. लोग इसे Hanging Train कहते हैं. आइए आपको बताते हैं हैंगिंग ट्रेन से जुड़ी दिलचस्प बातें.
करीब 40 फीट की ऊंचाई पर चलती है ट्रेन
Wuppertal Suspension Railway के अंतर्गत जर्मनी में इन ट्रेनों का संचालन होता है. कहा जाता है कि वुपर्टल शहर इतना व्यस्त है कि यहां ट्रेनों को सड़कों पर चलाना आसान नहीं. पहाड़ी इलाका होने की वजह से अंडरग्राउंड ट्रेन चलाना भी मुमकिन नहीं था. ऐसे में इंजीनियरों ने इस समस्या को हल करने के लिए हैंगिंग ट्रेन के संचालन को शुरू किया था. ये ट्रेनें बिजली से चलती हैं और करीब 40 फीट की ऊंचाई का सफर करते हुए 13.3 किमी की दूरी तय करती हैं. इस बीच रास्ते में 20 स्टेशंस पड़ते हैं. कहा जाता है कि हर रोज इस ट्रेन में करीब 80 से 85 हजार लोग सफर करते हैं.
1901 में हुई थी शुरुआत
हैंगिंग ट्रेनों के बारे में जो भी सुनता है वो हैरान रह जाता है. इससे भी ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि इन ट्रेनों का संचालन आज के समय में नहीं हुआ, बल्कि 1901 यानी करीब 122 साल पहले इनकी शुरुआत हो गई थी. दुनिया की सबसे पुरानी मोनोरेल में इसकी गिनती होती है. 1901 में इसे करीब 19,200 टन स्टील के इस्तेमाल से बनाया गया था. इनमें बैठना और सफर करना काफी रोमांचक है. जर्मनी घूमने के लिए जो लोग जाते हैं, वो इस ट्रेन में सफर जरूर करते हैं.
उल्टी लटकी ट्रेन में लोग कैसे करते हैं सफर
ये ट्रेन आपको भले ही हवा में उल्टी लटककर चलती हुई दिखाई देती है, लेकिन लोग इसमें उल्टा लटककर यात्रा नहीं करते. इसमें लोगों के बैठने की व्यवस्था आम ट्रेनों के जैसे ही होती है. देखने में ये ट्रेन इतनी खूबसूरत है कि जर्मनी घूमने आए सैलानी भी इसको देखकर आकर्षित हो जाते हैं और इसके सफर का आनंद जरूर लेते हैं. कहा जाता है कि 1999 में ये ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होकर अचानक वुप्पर नदी में गिर गई थी, जिसमें करीब 5 लोग मर गए थे, लेकिन तब से इस तरह का हादसा दोबारा नहीं हुआ.
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