G20: कौन हैं भारत के शेरपा, किन्हें दिया जाता है ये जिम्मा और क्या होता है इनका काम
G20 Summit in India: जी-20 शिखर सम्मेलन में शेरपा का रोल बेहद खास होता है. भारत के शेरपा अमिताभ कान्त हैं. जानिए ये जिम्मेदारी किसे दी जाती है और शेरपा का काम क्या होता है.
G-20 का शिखर सम्मेलन इस साल 9 और 10 सितंबर को भारत की अध्यक्षता में होने जा रहा है. इसको लेकर दिल्ली सज चुकी है. जी-20 का मूल एजेंडा आर्थिक सहयोग और वित्तीय स्थिरता का है, लेकिन समय के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट, स्वास्थ्य, कृषि और भ्रष्टाचार निरोधी एजेंडा भी इसमें शामिल कर लिया गया है. इस बैठक में दो समानांतर तरीकों से चर्चा होती है, पहला फाइनेंशियल और दूसरा शेरपा ट्रैक. शेरपा ट्रैक का नेतृत्व वो व्यक्ति करते हैं, जिन्हें सरकार की ओर से शेरपा नियुक्त किया जाता है. भारत के शेरपा अमिताभ कान्त हैं. आइए आपको बताते हैं कि किसे दिया जाता है शेरपा का जिम्मा और क्या होता है इनका काम.
किन्हें बनाया जाता है शेरपा
जी-20 में शेरपा का रोल बेहद खास होता है. ज्यादातर उन लोगों को शेरपा बनाया जाता है जिन्हें राजनीति और कूटनीति दोनों की अच्छी समझ होती है. अमिताभ कान्त से पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भारत के शेरपा थे. लेकिन उनकी व्यस्तता को देखते हुए अमिताभ कान्त को भारत का शेरपा नियुक्त किया गया. अमिताभ कान्त केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. वे औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के सचिव थे. अमिताभ कान्त 6 साल तक नीति आयोग के सीईओ रह चुके हैं. इसके अलावा वे कोविड-19 के दौरान भी एंपावर्ड ग्रुप 3 का हिस्सा रहे हैं.
क्या होता है शेरपा का काम
दरअसल जी-20 सम्मेलन में दो समानांतर तरीकों से चर्चा होती है, पहला फाइनेंशियल और दूसरा शेरपा ट्रैक. फाइनेंशियल ट्रैक में बातचीत का काम वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर संभालते हैं और शेरपा ट्रैक में शेरपा संभालते हैं. फाइनेंशियल ट्रैक सीधे-सीधे फाइनेंस पर काम करता है. जबकि शेरपा ट्रैक थोड़ा पेचीदा होता है. ये मूलतः सदस्य देशों के शेरपा के साथ समन्वय बनाते हुए राजनीतिक व अन्य मुद्दों को तय करते हैं, बैठकें करते हैं और समय-समय पर अपने लीडर को अपडेट करते रहते हैं. जी-20 वर्किंग ग्रुप्स के साथ भी समन्वय बनाने का काम भी शेरपा का ही होता है. समिट के लिए 13 वर्किंग ग्रुप बने हुए हैं- एनर्जी, ट्रेड-इनवेस्टमेंट, डेवलपमेंट, एम्प्लॉयमेंट, टूरिज्म, एग्रीकल्चर, डिजिटल इकनॉमी, हेल्थ, एजुकेशन, कल्चर, एनवायरमेंट और एंटीकरप्शन आदि.
कहां से आया शेरपा शब्द
डिप्लोमेसी में शेरपा शब्द का इस्तेमाल काफी किया जाता है. ज्यादातर ये शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल होता है जो कूटनीति में माहिर होते हैं. लेकिन वास्तव में शेरपा शब्द नेपाल और तिब्बत के उन लोगों से लिया गया है जो पूरी दुनिया से आने वाले पर्वतारोहियों को गाइड करते हैं. ये हिमालय की वादियों में बसते हैं और उन ऊंची जगहों पर भी पहुंच जाते हैं, जहां ऑक्सीजन की कमी होती है. जी-20 में भारत की ओर से पूर्व में मोंटेक सिंह अहलूवालिया, शशिकांत दास, अरविन्द पनगढ़िया, सुरेश प्रभु एवं पीयूष गोयल शेरपा रह चुके हैं.
कौन से देश हैं जी-20 के सदस्य
जी-20 के सदस्य देशों में भारत के अलावा फ्रांस, चीन, कनाडा, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, अमेरिका, यूके, तुर्की, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, रूस, मैक्सिको, जापान, इटली, इंडोनेशिया तथा 20वें सदस्य के तौर पर यूरोपीय संघ शामिल है.
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