G20 Summit 2023 का आगाज प्रगति मैदान के भारत मंडपम में हो चुका है. जो बाइडेन, ऋषि सुनक समेत दुनियाभर के तमाम दिग्‍गज नेता आज इस सम्‍मेलन में शामिल होने के लिए दिल्‍ली आए हैं. जैसे ही पीएम मोदी का संबोधन शुरू हुआ, इसी के 'इंडिया बनाम भारत' की चर्चा फिर से छिड़ गई. इसका कारण है कि पीएम मोदी के सामने 'भारत' लिखा गया है, जबकि पहले यहां 'इंडिया' लिखा जाता था. 

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इतना ही नहीं, सम्‍मेलन के शुरू होने के कुछ समय बाद ही केंद्रीय मंत्री स्‍मृति ईरानी ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म X पर इससे जुड़ा एक पोस्‍ट भी कर दिया. इस पोस्‍ट में उन्‍होंने लिखा 'उम्मीद और विश्वास का नया नाम - भारत'. उनकी इस पोस्‍ट के बाद इस बात के संकेत और भी ज्‍यादा प्रबल हो गए हैं, कि आने वाले समय में हमारे देश के नाम से इंडिया को हटाया जा सकता है और इसे सिर्फ भारत किया जा सकता है.

कैसे शुरू हुई India vs Bharat की बहस

India vs Bharat की ये बहस तब शुरू हुई जब G20 के डिनर के लिए राष्‍ट्रपति भवन की ओर से निमंत्रण पत्र भेजा गया है. इस पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह पर 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा हुआ था. ये इन्‍विटेशन कार्ड सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते देश भर में इसे लेकर एक नई बहस छिड़ गई. अब जी20 सम्‍मेलन में पीएम मोदी की सीट के आगे भी भारत लिखा गया है. इससे ये संकेत मिलने लगे हैं कि आने वाले समय में हमारे देश का नाम सिर्फ भारत भी हो सकता है.

जी20 समिट में किया गया बड़ा ऐलान

आज से भारत मंडपम में जी20 का दो दिवसीय कार्यक्रम शुरू हो गया है. बता दें कि जैसे ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अध्‍यक्ष के तौर पर अपना संबोधन शुरू किया, उन्‍होंने एक एक बड़ी घोषणा की. जी20 समिट के उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने अफ्रीकी यूनियन की सदस्‍यता का ऐलान किया. इस बीच पीएम ने जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ के प्रमुख को अपनी सीट लेने के लिए आमंत्रित किया. अफ्रीकी यूनियन को स्‍थायी सदस्‍यता मिलने के बाद G20 अब G21 बन चुका है. 

पीएम ने दिया ये मंत्र 

जी 20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा, 'आज, जी 20 के अध्यक्ष के रूप में, भारत दुनिया से वैश्विक विश्वास की कमी को विश्वास और निर्भरता में बदलने का आह्वान करता है. यह हम सभी के लिए एक साथ आगे बढ़ने का समय है. इस बार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' का मंत्र हमारे लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है. चाहे वो उत्तर और दक्षिण के बीच विभाजन हो, पूर्व और पश्चिम के बीच की दूरी हो, भोजन और ईंधन का प्रबंधन हो, आतंकवाद हो , साइबर सुरक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा या जल सुरक्षा, हमें भावी पीढ़ियों के लिए इसका ठोस समाधान ढूंढना होगा.'

हम सबको साथ मिलकर चलने की जरूरत

अपने संबोधन के दौरान पीएम ने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है. युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है. जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर आए संकट को भी हरा सकते हैं. हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्‍वास और एक भरोसे में बदलें. ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है.

 

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