गर्मियों और बारिश के मौसम में फूड पॉइजनिंग के मामले काफी ज्‍यादा सामने आते हैं. ज्‍यादातर मामलों में दूषित भोजन को इसकी वजह माना जाता है. फूड पॉइजनिंग की समस्‍या होने पर पेट में दर्द, उल्‍टी, मरोड़, सिरदर्द जैसे तमाम लक्षण सामने आते हैं. अगर आपको भी ये लक्षण दिखते हैं तो लापरवाही न करें, विशेषज्ञ से संपर्क करें ताकि स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके. यहां डॉ. रमाकांत शर्मा से जानिए कि आखिर फूड पॉइजनिंग होती क्‍यों है और इससे बचाव करने का क्‍या तरीका है.

गर्मी और बारिश में क्‍यों बढ़ते हैं फूड पॉइजनिंग के मामले

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डॉ. रमाकांत शर्मा कहते हैं कि वो खाना दूषित कहलाता है, जिसमें बैक्‍टीरिया पैदा हो जाते हैं. गर्मियों और बारिश के मौसम में किसी भी चीज में बैक्टीरिया, वायरस व फंगस तेजी से ग्रो करते हैं. ऐसे में फूड पॉइजनिंग का रिस्‍क काफी बढ़ जाता है. ज्‍यादातर मामलों में फूड पॉइजनिंग स्टेफायलोकोकस या ई. कोलाई बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होती है. इसके अलावा सालमोनेला, स्टेफाइलोकोकाई और क्लॉसट्रिडियम बोट्यूलियम भी खाने को दूषित करने का काम करते हैं.  क्लॉसट्रिडियम बोट्यूलियम के कारण होने वाली फूड पॉइजनिंग को गंभीर माना जाता है. ऐसे में बैक्‍टीरिया आपके तंत्रिका तंत्र पर भी हमला कर सकते हैं.

किन वजहों से हो सकती है फूड पॉइजनिंग

  • फल या स‍ब्‍जी को बगैर धोए इस्‍तेमाल किया जाए.
  • भोजन को लंबे समय तक फ्रिज में स्‍टोर करके रखा जाए.
  • फ्रोज़न चीज़ों को उचित तापमान पर स्टोर न किया जाए.
  • सब्जियां काटने वाले बोर्ड या चाकू को ठीक से साफ नहीं किया जाए.
  • संक्रमित व्‍‍यक्ति द्वारा भोजन को छू लिया जाए.
  • अधपके अंडे और मांस का सेवन किया जाए.
  • दूषित जल पीने की वजह से.
  • प्रोसेसिंग के दौरान मांस, मछली, चिकन का बैक्टीरिया में आ जाना.
  • पैक्‍ड फूड जिनकी एक्‍सपायरी डेट निकल चुकी हो, उनको खाने से.
  • जरूरत से ज्‍यादा भोजन, तला-भुना या गरिष्‍ठ भोजन करने की वजह से.

ये हैं हल्‍के और गंभीर लक्षण

फूड पॉइजनिंग के लक्षण एकदम से भोजन खाने के बाद नजर नहीं आते. इसके लक्षण 2 घंटे बाद से लेकर कई दिन बाद भी सामने आ सकते हैं. ये इस पर निर्भर करता है कि आपके भोजन को किस बैक्‍टीरिया ने दूषित किया है. आमतौर पर फूड पॉइजनिंग के दौरान डायरिया, पेट दर्द, ऐंठन, उल्‍टी, सिरदर्द, ठंड लगकर बुखार आना आदि लक्षण सामने आते हैं. लेकिन इसके गंभीर मामलों में सामान्‍य लक्षणों के अलावा सांस लेने में तकलीफ, आंखों और त्‍वचा का पीला होना, जोड़ों में दर्द और खून की उल्‍टी आदि समस्‍याएं भी सामने आ सकती हैं.

फूड पॉइजनिंग की समस्‍या से बचने के लिए क्‍या करें

खाना बनाते समय साफ-सफाई का विशेष रूप से खयाल रखें.

अंडा या मांस अधपका बिल्‍कुल न खाएं.

खाने को फ्रिज में स्‍टोर करने की बजाय ताजा भोजन खाएं.

स्‍वच्‍छ पानी पीएं.

बाहर का भोजन खाने से परहेज करें.

किसी भी सामान को खुला न छोड़ें. 

फलों को धोकर खाएं औरसब्जियों आदि को धोकर इस्‍तेमाल करें.

किसी भी तरह के लक्षण सामने आने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें.

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