गायक, लेखक, अभिनेता और निर्देशक पीयूष मिश्रा का जमाना दीवाना है. पीयूष मिश्रा अपने हर किरदार को बखूबी से निभाते हैं. आज युवाओं की एक बड़ी जमात उनकी कला को सराहते है. लेकिन यह अदाकार हमेशा से ऐसे नहीं थे. दिल्ली से निकलकर मुंबई में अपना करियर बनाने वाले पीयूष मिश्रा ने अपनी निजी जिंदगी में बहुत से उतार चढ़ाव देखें हैं. उनकी बुरी आदतों ने उनके महान अदाकार बनने के रास्ते में कांटे बिछा दिए थे. आइए उनके 60वें जन्मदिन पर उनके बारे में जानते हैं. 

क्या था पीयूष मिश्रा का असली नाम?

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पीयूष मिश्रा का जन्म 13 जनवरी 1963 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था. वो एक मध्यवर्गीय परिवार से आते है. आर्थिक हालात सही नहीं होने की वजह से उनका पूरा परिवार बुआ तारादेवी मिश्रा के घर जाकर रहने लगा था. उनकी बुआ ने पीयूष को गोद ले लिया था. जब पीयूष दसवीं कक्षा में थे तब उनका नाम प्रियकांत शर्मा से बदलकर पीयूष मिश्रा कर दिया गया था.

कैसा रहा उनका बचपन?

पीयूष मिश्रा की बचपन से कला में रूचि रही है. हालांकि उनका परिवार उन्हें कभी कलाकार नहीं मानता था. जिसकी वजह से वह कभी ब्लेड से हाथ काट कर तो कभी किसी और चीज से खुद को घायल कर अपनी बात मनवाते थे. पीयूष ने 1983 से 1986 तक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था. पीयूष ने 20 साल तक दिल्ली में रहकर कई नाटक किए. इस दौरान उनके तमाम मित्रों से रिश्ते बने, लेकिन हर कोई एक आदत से परेशान था, वह थी शराब की लत. 1995 में जब पीयूष की शादी तमिल आर्किटेक्ट प्रिया नारायणन से हुई तो उनके सब दोस्तों को लगा की वह सुधर जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

शादी के बहुत बाद बदले पीयूष

बता दें कि पीयूष और प्रिया की शादी आम शादियों की तरह नहीं थी, पीयूष ने प्रिया को उनके घर से भगा शादी की थी. उस समय पीयूष कुछ नहीं करते थे, इसके बावजूद प्रिया ने उनके साथ जिंदगी भर का साथ निभाने का वादा किया था. शादी के कई सालों बाद तक प्रिया ही घर का खर्च उठाया करती थीं,  पीयूष की डेब्यू फिल्म 'दिल से…' में भी उन्हें यह किरदार तब मिला जब फिल्म के कास्टिंग निर्देशक तिग्मांशु धूलिया ने मनीरत्नम से उनकी सिफारिश की थी.

हालांकि काम मिलने के बाद भी उनमें कोई बदलाव नहीं आया था. परेशान होकर प्रिया ने उनका इलाज करवाने की ठानी और उन्हें एक संस्था में भेज दिया था. लंबे समय तक इलाज करवाने के बाद पीयूष के बर्ताव में थोड़ा बदलाव आया. फिर वह अपनी पत्नी के साथ रहने लगे और अपने बच्चों का भी ख्याल रखने लगे.  

अपने इन काम के लिए है मशहूर पीयूष

पीयूष मिश्रा के करियर की बात करें तो उन्होंने इस दौरान कई नाटक लिखे, उन पर एक्टिंग भी की, उनका लेखन और निर्देशन भी किया. साथ ही उसमे उन्होंने संगीत भी दिया. हिंदी फिल्मों जैसे; 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'गुलाल', 'लाहौर', 'टशन', 'आजा नचले', आदि के कई गाने लिखे. 'मकबूल', 'गुलाल', 'तेरे बिन लादेन', 'लफंगे परिंदे', 'दैट गर्ल इन येलो बूट्स', 'रॉकस्टार', 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'तमाशा', 'पिंक', 'संजू' जैसी फिल्मों में उन्होंने एक्टिंग की. 'गजनी', 'लाहौर', 'अग्निपथ', 'द लेजेंड ऑफ भगत सिंह' जैसी फिल्मों के डायलॉग्स लिखे.

 

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