हार्ट की बीमारी कभी बुजुर्गों को हुआ करती थी, लेकिन अब ये छोटी उम्र के लोगों में भी देखने को मिल जाती है. कई बार तो छोटे बच्‍चे भी इसके रिस्‍क में आ जाते हैं. आमतौर पर बीपी, शुगर, थायरॉयड और हार्ट डिजीज को खराब लाइफस्‍टाइल की देन माना जाता है. लेकिन कई बार कुछ समस्‍याएं आनुवांशिक रूप से मिल जाती है. इन स्थितियों में सतर्क रहना बहुत जरूरी होता है, वरना स्थिति गंभीर भी हो सकती है.

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ऐसी ही एक समस्‍या है Familial Hypercholesterolemia. दरअसल बैड कोलेस्‍ट्रॉल यानी LDL को हार्ट डिजीज की बड़ी वजह माना जाता है. आमतौर पर ये हमारे गलत खानपान का नतीजा होता है, लेकिन  Familial Hypercholesterolemia की समस्‍या आनुवांशिक होती है. यानी ये समस्‍या बच्‍चों को अपने माता-पिता से मिलती है. आइए आपको बताते हैं इसके बारे में.

कम उम्र में बढ़ा देती है हार्ट अटैक का खतरा

इस मामले में नेचुरोपैथी विशेषज्ञ डॉ. रमाकान्‍त शर्मा बताते हैं कि फैमिलियल हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया से जूझ रहे बच्चों में जन्म के साथ ही ब्लड में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो जाती है. उम्र के साथ परेशानी और बढ़ने लगती है. ऐसे में अगर लाइफस्‍टाइल और खानपान गड़बड़ हो जाए तो समस्‍या गंभीर रूप ले सकती है. इससे दिल की धमनियों में ब्‍लॉकेज आ सकता है और इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. यानी ये समस्‍या व्‍यक्ति को कम उम्र में ही हार्ट अटैक के 'डेंजर जोन' में ले जा सकती है. 

ये लक्षण आते हैं सामने

  • हाथ पैरों की नस सख्त होना
  • आखों में सफेद रंग के छल्ले 
  • हाई बीपी
  • सांस फूलना
  • सिर दर्द
  • मोटापा
  • सीने में दर्द
  • बेचैनी और मितली आदि

बचाव के लिए क्‍या करें

  • इस तरह के किसी भी लक्षण के सामने आने पर विशेषज्ञ से परामर्श करें.
  • अपने खानपान की आदतों में सुधार करें. ज्‍यादा चिकनाईयुक्‍त और मसालेदार भोजन न खाएं
  • बाहरी जंकफूड-फास्‍टफूड और शुगरी ड्रिंक्‍स वगैरह लेने से बचें.
  • किसी एक्‍सपर्ट की मदद लेकर नियमित रूप से वर्कआउट करें, प्राणायाम वगैरह करें और खाने के बाद जरूर टहलें.
  • हरी सब्जियां, फल, नारियल पानी, जूस वगैरह को डाइट का हिस्‍सा बनाएं
  • सुबह खाली पेट लहसुन की कली को पानी के साथ लें. अलसी, अखरोट वगैरह को डाइट में शामिल करें. इससे बैड कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है.
  • इसके अलावा अर्जुन की छाल का काढ़ा या दालचीनी, सोंठ और मुलैठी का काढ़ा रात में सोते समय लेने स कोलेस्‍ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है.

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