पिछले कुछ समय से ईयरफोन और हेडफोन का चलन तेजी से बढ़ा है. ऑफिस की मीटिंग हो या दोस्‍त से बातचीत करनी हो, या फिर वीडियो, मूवी और सॉन्‍ग सुनने के लिए आजकल ज्‍यादातर लोग ईयरफोन का इस्‍तेमाल करते हैं. लेकिन किसी भी चीज को जरूरत से ज्‍यादा इस्‍तेमाल करने पर उसके साइड इफेक्‍ट्स सामने आते हैं. ईयरफोन के अधिक इस्‍तेमाल को भी लेकर कुछ ऐसा ही है. 

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ईयरफोन को ज्‍यादा देर तक कानों में लगाए रहने से वाइब्रेशन से कानों की नसों पर दबाव पड़ता है. इससे नसों में सूजन आ सकती है, सेंसेटिविटी खो सकती है और व्‍यक्ति बहरा हो सकता है. इसको लेकर डब्ल्यूएचओ भी चेतावनी दे चुका है कि ईयरफोन के अधिक इस्‍तेमाल से 2050 तक 70 करोड़ से ज्‍यादा लोगों के कान खराब हो सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि ये कितना नुकसानदायक है.

किस कारण से होती है समस्‍या

इस मामले में ईएनटी एक्‍सपर्ट डॉ. शुभकाम आर्य कहते हैं कि ईयरफोन के कारण सबसे ज्‍यादा समस्‍याएं उन लोगों को होती हैं, जो कई-कई घंटे लगातार कानों में इसे लगाए रहते हैं. तेज आवाज में म्‍यूजिक सुनते हैं. इसके कारण आवाज वाइव्रेशन के साथ कान में मौजूद पर्दे से टकराती है. इससे कान के पर्दे में कंपन होता है और पर्दे पर प्रेशर बढ़ता है. इसके कारण कई तरह की समस्‍याएं सामने आती हैं.

ये समस्‍याएं आ सकती हैं सामने

  • कान में दर्द
  • सुन्‍नपन
  • सुनने की क्षमता पर असर
  • बहरापन
  • सिर दर्द 
  • संक्रमण आदि

नुकसान से बचने के लिए क्‍या करें

  • लगातार लंबे समय तक ईयरफोन का इस्‍तेमाल न करें.
  • ईयरफोन या हेडफोन जब भी कानों में लगाएं तो वॉल्‍यूम कम रखें.
  • किसी दूसरे का ईयरफोन इस्‍तेमाल करने से बचें और अपना भी देने से बचें.
  • ईयरफोन खरीदते समय उसकी क्‍वालिटी से कॉम्‍प्रोमाइज न करें.
  • ईयरफोन को साफ रखें.
  • गाने सुनने के लिए ईयरफोन की बजाय साउंड सिस्‍टम का इस्‍तेमाल करें.
  • सोते समय ईयरफोन का इस्‍तेमाल न करें.
  • जब भी ब्‍लूटूथ ईयरफोन चार्जिंग पर लगा हो, उसका इस्‍तेमाल न करें.

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