Laal Singh Chaddha: बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर अभिनेता आमिर खान की करीब चार साल बाद सिनेमाघरों में लौटे हैं. गुरुवार को उनकी फिल्म लाल सिंह चड्ढा रिलीज हुई. फिल्म ने पहले दो दिनों में उम्मीद से कम बिजनेस किया है. लेकिन लगता है आमिर खान की मुश्किलें अभी और बढ़नी है. दिल्ली के एक वकील ने आमिर खान, पैरामाउंट पिक्चर्स और कई अन्य के खिलाफ उनकी फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में कथित तौर पर "भारतीय सेना का अपमान करने और हिंदू भावनाओं को आहत करने" के लिए शिकायत दर्ज कराया है.

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अधिवक्ता विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस कमीश्नर संजय अरोड़ा के पास शिकायत करते हुए कहा फिल्म में कई सारी आपत्तिजनक सामग्री है और इसलिए अभिनेता आमिर खान, निर्देशक अद्वैत चंदन और पैरामाउंट पिक्चर्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153 ए, 298 और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की.

करगिल वॉर को गलत तरीके से दिखाया

जिंदल ने अपनी शिकायत में कहा, "फिल्म में, निर्माताओं ने दर्शाया है कि एक मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति को कारगिल युद्ध में लड़ने के लिए सेना में शामिल होने की अनुमति दी गई थी. यह एक सर्वविदित तथ्य है कि सर्वश्रेष्ठ सैन्य कर्मियों को कारगिल युद्ध लड़ने के लिए भेजा गया था और सेना के जवानों को कठोर रूप से प्रशिक्षित किया गया था. लेकिन फिल्म निर्माताओं ने भारतीय सेना को हतोत्साहित करने और बदनाम करने के लिए जानबूझकर उक्त स्थिति को चित्रित किया."

शिकायतकर्ता ने एक दृश्य पर भी आपत्ति जताई, जिसके बारे में उसने दावा किया कि वह फिल्म का हिस्सा था, जहां एक पाकिस्तानी नागरिक लाल सिंह चड्ढा के चरित्र से पूछता है - "मैं नमाज अदा करता हूं और प्रार्थना करता हूं, लाल, तुम ऐसा क्यों नहीं करते?" जिसके जवाब में आमिर खान का कैरेक्टर उत्तर देता है, "मेरी माँ ने कहा कि यह सब पूजा पाठ मलेरिया है. इससे दंगे होते हैं."

शिकायतकर्ता ने कहा कि फिल्म में बयान और चित्रण न केवल भावनाओं को भड़काने और भड़काने वाला है, बल्कि "हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच क्रोधित भावनाओं" का भी कारण बनता है.

भावनाओं को ठोस पहुंचाया

शिकायत में आगे कहा गया है कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को बोलने और अभिव्यक्ति की आजादी देता है, लेकिन इस अधिकार का दुरुपयोग अक्षम्य है जब यह देश के सम्मान और सद्भाव को खतरे में डालता है और समुदाय और धर्म के आधार पर अपने नागरिकों को भड़काता है और सुरक्षा को खतरा देता है. इसे एक गंभीर अपराध के रूप में माना जाता है.

उन्होंने दावा किया कि आरोपी द्वारा दिए गए बयान की सामग्री "पूजा पाठ मलेरिया है, यह दंगों का कारण बनता है", काफी उग्र है और पूरे हिंदू समुदाय के लिए एक अपमानजनक बयान है.